भारत में आजादी के बाद आर्थिक नियोजन हेतु कौन सी संस्था बनाई
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Answer:
मार्च 1950
Explanation:
भारत में आर्थिक नियोजन
भारत में समाजवादी व्यवस्था पर आधारित विकास प्राप्त करने हेतू मार्च 1950 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक सांविधक संस्था 'योजना-आयोग का गठन किया। भारत में पंचवर्षीय योजनाओं को लागू करने हेतू योजना आयोग के साथ-साथ सन 1951 में राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन किया।
Answer:
अर्थिक लक्ष्यों की प्रप्ति के लिए उपयोग की जाने की प्रक्रिया को आर्थिक नियोजन कहा जाता है। सर्वप्रथम विष्वेष्रैया योजना का पता प्रथम अर्थिक नियोजन के रूप में चलता है। समय पर योजना बनाई गई। स्वतंत्रता के पश्चात 1947 में पं. नेहरू की अध्यक्षता में आर्थिक नियोजन समिति का गठन किया। इसी की सिफारिश में 15 मार्च, 1950 में योजना आयोग लागू किया गया। इस योजना आयोग के मार्ग दर्षन में ही भारत की आर्थिक नीतियों को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है। वर्तमान समय में योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग कार्य कर रहा है।
आर्थिक नियोजन
आर्थिक नियोजन वह प्रक्रिया है जिसमें क्षेत्र-विशेष की आर्थिक सम्पत्ति (संपदा) एवं मानवीय सेवाओं को इस प्रकार उपयोग किया जाता है जिससे आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।
यूरोपीय देशों में औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप अधिक उत्पादन की प्रणाली की शुरुआत हुई। इस प्रणाली में निजी सम्पत्ति का अधिकार दिया गया और साथ ही व्यक्तियों को व्यवसाय की स्वतंत्रता प्रदान की गई जिसे पूंजीवाद कहा गया।
· वर्ष 1930 की वैश्विक मंदी ने आर्थिक नियोजन की अवधारणा की ओर देखने के लिए विवश किया। मुक्त बाजार व्यवस्था जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं था एक ऐसी व्यवस्था के रूप में उजागर हुई जो लोगों में गरीबी, बेरोजगारी, आय की अत्यधिक असमानता को बढ़ाती जा रही थी। इससे सामाजिक न्याय को चुनौती मिल रही थी, यही कारण रहे कि अर्थशास्त्रियों को कुछ नया प्रयोग करने की आवश्यकता महसूस हुई।
· सर्वप्रथम 1928 ई. में सोवियत संघ में नियोजन को आर्थिक विकास के रूप में अपनाया। वहां की पिछड़ी हुई कृषि तथा औद्योगिक व्यवस्था को अच्छी स्थिति में बदलने के लिए यह प्रयोग कारगर साबित हुआ जिसका प्रभाव अन्य देशों पर भी पड़ने लगा।
विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने अर्थिक नियोजन को इस प्रकार परिभाषित किया है
डाल्टन के अनुसार- आर्थिक नियोजन अपने विस्तृत अर्थ में विशाल साधनों के संरक्षक व्यक्तियों के द्वारा निश्चित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आर्थिक क्रियाओं का इच्छित निर्देशन है।
रॉबिन्स के अनुसार- योजना बनाने का अर्थ है- उद्देश्य बनाकर कार्य करना, चुनाव या निर्माण करना और निर्णय सभी अर्थिक क्रियाओं का निचोड़ है।
गुर्नार मिर्डाल के अनुसार- आर्थिक नियोजन राष्ट्रीय सरकार की व्यूह रचना का एक कार्यक्रम है, जिसमें बाजार की शक्तियों के साथ-साथ सरकारी हस्तक्षेप द्वारा सामाजिक क्रिया को ऊपर ले जाने के प्रयास किये जाते हैं।
उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट होता है कि आर्थिक नियोजन एक ऐसी योजना है जिसमें आर्थिक क्षेत्र में राजकीय हस्तक्षेप तथा राज्य की साझेदारी होती है।
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