भारत में अन्तर्राजीय निर्धनता में विभिन्नता के कारण बताइए ।
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भारत में निर्धनता का एक और पहलू या आयाम है। प्रेत्यक राज्य में निर्धन लोगों का अनुपात एक सामान नहीं है। आजादी के बाद गरीबी में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। हालाँकि अनुमान दर्शाते हैं कि निर्धनता अनुपात राष्ट्रीय औसत से काम है। निर्धनता कम करने में सफलता कि दर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग हैं।
(i) असम, बिहार, उड़ीसा, यू.पी. और त्रिपुरा भारत के सबसे गरीबी से ग्रस्त राज्य हैं इन राज्यों में गरीबी अनुपात राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है। बिहार और उड़ीसा क्रमशः 43 और 47 के गरीबी अनुपात वाले सबसे गरीब राज्य हैं।
(ii) कम निर्धनता औसत वाले राज्य: हरियाणा, पंजाब, गोवा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की जनसंख्या का अनुपात बहुत कम है।
(iii) 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में निर्धनता अनुपात राष्ट्रीय औसत से कम है। केरल और जम्मू -कश्मीर में निर्धनता में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
(i) असम, बिहार, उड़ीसा, यू.पी. और त्रिपुरा भारत के सबसे गरीबी से ग्रस्त राज्य हैं इन राज्यों में गरीबी अनुपात राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है। बिहार और उड़ीसा क्रमशः 43 और 47 के गरीबी अनुपात वाले सबसे गरीब राज्य हैं।
(ii) कम निर्धनता औसत वाले राज्य: हरियाणा, पंजाब, गोवा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की जनसंख्या का अनुपात बहुत कम है।
(iii) 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में निर्धनता अनुपात राष्ट्रीय औसत से कम है। केरल और जम्मू -कश्मीर में निर्धनता में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
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भारत में अन्तर्राजीय निर्धनता में विभिन्नता के कारण बताइए ।
भारत में अन्तर्राजीय निर्धनता में विभिन्नता के कारण बताइए ।प्रेत्यक राज्य में निर्धन लोगों का अनुपात एक सामान नहीं है। आजादी के बाद गरीबी में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। हालाँकि अनुमान दर्शाते हैं कि निर्धनता अनुपात राष्ट्रीय औसत से काम है। निर्धनता कम करने में सफलता कि दर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग हैं।
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