भारत में किसान और आदिवासी समूह द्वारा विरोध आंदोलन के दो कारणो चिन्हित करे
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देश भर के हजारों किसान, आदिवासी समूह और कृषि कार्यकर्ता 5 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए, कृषि ऋण माफी, बेहतर न्यूनतम मजदूरी और वन अधिकार अधिनियम 2006 जैसे कानूनों को लागू करने की मांग की।
जंगलों में आदिवासी समुदायों के अधिकारों को मान्यता देने के प्रति उदासीनता के परिणामस्वरूप अक्सर केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय और जनजातीय मामलों के मंत्रालय एक-दूसरे को चेतावनी देते हैं। आदिवासी मामलों के मंत्रालय ने अक्सर पर्यावरण मंत्रालय पर आदिवासी समुदायों के कल्याण की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
प्रदर्शनकारियों ने जोर देकर कहा कि इस पैमाने पर जुटना सरकार के लिए एक स्पष्ट राजनीतिक चेतावनी थी, अगले आम चुनाव से पहले, मई 2019 में होने की उम्मीद है।
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