भारत में खेती एक जुआ है।क्या आप इस बात से सहमत है?अपने उत्तर के पक्ष में दो तर्क दीजिए।
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Explanation:
this is my question
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भारत में खेती करना एक तरह का जुआ ही है, इससे हम पूरी तरह सहमत हैं। इसके निम्नलिखित कारण हैं
भारत में खेती पारंपरिक रूप से की जाती है जो कि मानसून पर आधारित होती है। यदि बारिश अच्छी होगी तो फसल भी अच्छी होगी। बारिश अच्छी ना होने पर पूरी फसल चौपट हो जाती है। इससे किसान द्वारा लगाई गई लागत भी वसूल नहीं हो पाती और उसे भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
अन्य प्राकृतिक आपदायें जैसे बाढ़ या सूखा आदि भी खेती को नुकसान पहुँचाती हैं, जिनसे निपटने के पर्याप्त साधन अभी भारत में विकसित नही हो पाये हैं।
जुआ एक ऐसा कृत्य होता है, जिसमें सफलता की कोई गारंटी नहीं होती। भारत में खेती करना भी सफलता की कोई गारंटी नहीं है। क्या पता किसी प्राकृतिक आपदा या बारिश अच्छी ना होने के कारण फसल चौपट हो जाए और किसान की पूरी लागत न निकल पाये।
भारत के ज्यादातर किसान आज भी पारंपरिक ढंग से खेती करते हैं। आधुनिक तकनीक और उपायों से पूरी तरह परिचित नही हैं, जिससे खेती में अनिश्चितता बढ़ जाती है इस कारण ये एक जुये की तरह प्रतीत होती है।