भारत में लोहा-इस्पात पूर्ण संभाव्य के अनुसार विकसित नहीं हो पाया है, क्या कारण है?
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भारत में लोहा-इस्पात पूर्ण संभाव्य के अनुसार विकसित न हो पाने के निम्न कारण हैं-
Explanation:
वर्ष 2004 में भारत इस्पात का सबसे बड़ा निर्यातक था जिसकी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में हिस्सेदारी 2.25 प्रतिशत थी। छोटा नागपुर के पठारी क्षेत्र में अधिकाँश लोहा तथा इस्पात उद्योग संकेंद्रित हैं। प्रदेश में इस उद्योग के विकास के लिए अधिक अनुकूल सापेक्षिक परिस्थितियां हैं। इनमें लौह अयस्क की कम लागत, उच्च कोटि के कच्चे माल की निकटता, सस्ते श्रमिक और स्थानीय बाज़ार में इनके मांग की विशाल संभाव्यता सम्मिलित हैं। यद्यपि भारत संसार का एक महत्वपूर्ण लौह -इस्पात उत्पादक देश है तथापि हम इनके पूर्ण संभाव्य का विकास नहीं कर पाए हैं। जिसके निम्न कारण हैं -
- उच्च लागत तथा कोकिंग कोयले की सीमित उपलब्धता
- काम श्रमिक उत्पादकता
- ऊर्जा की अनियमित पूर्ति
- अविकसित अवसंरचना आदि।
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