भारत में निर्धनता रेखा का आकलन कैसे किया जाता है?
Answers
उत्तर :
भारत में निर्धनता रेखा का आकलन दो विधियों द्वारा किया जाता है :
आय विधि :
इस विधि के द्वारा वर्ष 2011 - 12 में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र में निर्धनता रेखा का आकलन करने के लिए अलग-अलग आए निर्धारित की गई है। इसके अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में ₹ 816 प्रतिमाह और शहरी क्षेत्रों में ₹ 1000 प्रतिमाह आय निर्धारित की गई थी । यदि किसी परिवार की आय निर्धारित आय से कम है तो उन्हें निर्धनता रेखा से नीचे माना जाएगा। इस विधि का प्रयोग सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत सहायिकी कीमतों पर खाद्य आवंटन के लिए किया जाता है।
व्यय विधि :
इस विधि में सबसे पहले जीने योग्य पोषक खाद्य पदार्थों की मात्रा का निर्धारण किया जाता है। फिर इस खाद्य पदार्थों की मात्रा को कैलोरी में बदला जाता है। फिर बाद में कैलोरी को मुद्रा में अर्थात ₹ में बदला जाता है।
कपड़ों व अन्य पदार्थों के लिए एक न्यूनतम व्यय की मात्रा जिसे मुद्रा में बदल लिया जाता है। इस कुल मात्रा को निर्धनता रेखा के लिए प्रयोग किया जाता है।
सभी परिवार जो निर्धनता रेखा व्यय से कम व्यय करते हैं , उन्हें निर्धन परिवार कहा जाता है। भारत में स्वीकृत कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन नगरीय क्षेत्रों में 2100 कैलोरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 2400 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Answer:
भारत में निर्धनता रेखा का आकलन दो विधियों द्वारा किया जाता है :
आय विधि :
इस विधि के द्वारा वर्ष 2011 - 12 में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र में निर्धनता रेखा का आकलन करने के लिए अलग-अलग आए निर्धारित की गई है। इसके अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में ₹ 816 प्रतिमाह और शहरी क्षेत्रों में ₹ 1000 प्रतिमाह आय निर्धारित की गई थी । यदि किसी परिवार की आय निर्धारित आय से कम है तो उन्हें निर्धनता रेखा से नीचे माना जाएगा। इस विधि का प्रयोग सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत सहायिकी कीमतों पर खाद्य आवंटन के लिए किया जाता है।
इस विधि में सबसे पहले जीने योग्य पोषक खाद्य पदार्थों की मात्रा का निर्धारण किया जाता है। फिर इस खाद्य पदार्थों की मात्रा को कैलोरी में बदला जाता है। फिर बाद में कैलोरी को मुद्रा में अर्थात ₹ में बदला जाता है।
कपड़ों व अन्य पदार्थों के लिए एक न्यूनतम व्यय की मात्रा जिसे मुद्रा में बदल लिया जाता है। इस कुल मात्रा को निर्धनता रेखा के लिए प्रयोग किया जाता है।
सभी परिवार जो निर्धनता रेखा व्यय से कम व्यय करते हैं , उन्हें निर्धन परिवार कहा जाता है। भारत में स्वीकृत कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन नगरीय क्षेत्रों में 2100 कैलोरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 2400 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है।