भारत में सूती वस्त्र उद्योग ने आजादी के बाद क्या उन्नति की थी? इसकी क्या समस्याएँ हैं।
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आजादी के बाद से भारत में सूती वस्त्र उद्योग ने अप्रत्याशित वृद्धि की है और यह वृद्धि लगभग बारह गुना तक की हुई है। 1947 में भारत की आजादी के समय केवल 351 करोड़ वर्ग मीटर सूती वस्त्र का उत्पादन होता था। आज लगभग साढ़े छह हजार करोड़ वर्गमीटर सूती वस्त्र का उत्पादन हो रहा है। हालांकि सूती वस्त्र उत्पादन का अधिकांश भाग देश की मांग पूरी करने में ही लग जाता है और सूत्री वस्त्र का निर्यात बड़े स्तर पर नहीं हो पाता।
सूती वस्त्र उद्योग के सामने अनेक समस्यायें हैं, जिसमें निम्न सर का कच्चा माल, पुराने ढंग की मशीनें तथा पुरानी पद्धति से चल रहे कारखाने आदि हैं। इसके अतिरिक्त लागत मूल्य का उत्पादन से अधिक होना भी अपने आप में एक महत्वपूर्ण समस्या है।
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