भारत में शारीरिक शिक्षा के संक्षिप्त इतिहास की जानकारी दीजिए।
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भारत में शारीरिक शिक्षा का संक्षिप्त इतिहास —
भारतवर्ष में शारीरिक शिक्षा के इतिहास के बारे में वर्णन इस प्रकार है...
वैदिक काल में आर्य लोग हष्ट-पुष्ट और ऊंचे कद के होते थे और वे शारीरिक शिक्षा को बड़ा महत्व देते थे। इस काल के लोगों के व्यायाम और मनोरंजन के साधनों में घुड़सवारी, उछल-कूद, नृत्य और कला बाजियां आदि प्रमुख व्यायाम थे।
रामायण काल में हनुमान जी अपने बलशाली शरीर के लिए प्रसिद्ध थे और वह अत्यंत व्यायाम प्रेमी थे। उनके असाधारण बल और मजबूत शरीर से उनके व्यायाम प्रियता का बोध होता है। वह उछलने-कूदने की क्रीड़ा से भलीभांति परिचित थे।
महाभारत काल में भीम अपनी प्रचंड शक्ति के लिए प्रसिद्ध थे। इस काल में अनेक ऐसे योद्धा प्रसिद्ध हुए जो अपने शरीर सौष्ठव और बलशाली होने के लिए प्रसिद्ध थे। इस काल में कुश्ती और गदा युद्ध बड़े पैमाने पर प्रचलित था। इसके अतिरिक्त परशु, मुसल, हल, लाठी आदि जैसे अस्त्रों का भी उपयोग इस काल में बहुतायत से किया जाता था।
बौद्ध काल के समय में नालंदा पूरे विश्व में शिक्षा का प्रमुख केंद्र था और इस विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा से संबंधित अनेक शिक्षाएं दी जाती थी और शारीरिक शिक्षा से संबंधित कार्यों पर बल दिया जाता था। अनेक योगाभ्यास की क्रियाएं संपन्न कराई जाती थीं।
राजपूत काल में स्वास्थ्य शिक्षा बड़े पैमाने पर प्रचलित हुई और राजपूतों ने घुड़सवारी, तीरंदाजी, तलवारबाजी, कुश्ती, आखेट, गदा युद्ध जैसी अनेक कला-कौशल का उपयोग किया।
मुगल काल में भी कुश्ती का प्रचलन बड़े पैमाने पर था और अनेक नामी पहलवान अखाड़े इस काल में प्रसिद्ध हुए। इस काल में खूब दंगल होते थे।
ब्रिटिश काल ब्रिटिश काल में किताबी ज्ञान को अधिक महत्व दिया गया और
और शारीरिक शिक्षा के प्रति लोग उदासीन होते गए। अंततः अंग्रेजों ने जनता की व्यायाम के प्रति बढ़ती हुई अरुचि देखकर विद्यालयों में व्यायाम को अनिवार्य करने की दिशा में अनेक कदम उठाने शुरू कर दिए। अनेक व्यायाम शिक्षकों की नियुक्ति की गयी।
आधुनिक काल आधुनिक काल में शिक्षा के शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। शारीरिक शिक्षा के प्रशिक्षण हेतु नए नए मार्ग खोजे जाने लगे हैं तथा स्वास्थ्य शिक्षा के विकास के लिए नई नई योजनाएं बनने लगी हैं। अनेक तरह के खेल लोकप्रिय हुए हैं। अनेक तरह के कार्यक्रम बनाए गए हैं, जिनका उद्देश्य शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देना तथा खेलों का विकास करना है। आधुनिक काल में शारीरिक शिक्षा एक महत्वपूर्ण विषय बन चुकी है।