Economy, asked by ramshinghagariya, 4 months ago

भारत में ऊर्जा संकट
प्रmukh कारणों को लिखित
कोई-6

Answers

Answered by sankalp24jain
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ANSWER:

मुझे लगता है ये आपके काम आएगा।

EXPLENATION:

प्रगति के पथ पर चलते हुए मनुष्य ने ऊर्जा का विविध रूप में प्रयोग करके अपने जीवन को सरल तो बनाया लेकिन जाने-अनजाने उसने कई संकटों को भी जन्म दे डाला है। इसी प्रकार का संकट है ऊर्जा का। आज ऊर्जा के असंतुलित और अत्यधिक उपयोग के कारण जहां एक ओर ऊर्जा खत्म होने की आशंका प्रकट हो गई है वहीं दूसरी ओर मानव जीवन, पर्यावरण, भूमिगत जल, हवा, पानी, वन, वर्षा, नदी-नाले सभी के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे है। यह संकट विकसित देशों की अत्यधिक उपभोग वाली आदतों के कारण पैदा हुआ है लेकिन इसका परिणाम पूरा विश्व भुगत रहा है। वनों की कटाई, उद्योगों की चिमनियों से निकलने वाले धुओं, मोटर-गाड़ियों के अत्यधिक प्रचलन आदि के कारण कार्बन डाई आक्साइड की मात्रा में निरंतर बढती जा रही है। 1880 से पूर्व वायुमंडल में आर्बन डाई आक्साइड की मात्रा 280 पाट्र्स पर मिलियन (पीपीएम) थी जो आज बढक़र 380 पीपीएम हो गई है।

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