Environmental Sciences, asked by shubhamsoni03, 1 month ago

भारत में ऊर्जा संसाधनों के प्रकारों एवं समस्याओं के बारे में लिखिए ? ​

Answers

Answered by girijareddy
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Answer:

इसमें सौर ऊर्जा से 100 गीगावाट, पवन ऊर्जा से 60 गीगावाट, बायो-पावर से 10 गीगावाट और छोटी पनबिजली परियोजनाओं से 5 गीगावाट क्षमता शामिल है। ... फिलहाल 2018 में देश की कुल स्थापित क्षमता में तापीय ऊर्जा की 63.84 फीसदी, नाभिकीय ऊर्जा की 1.95 फीसदी, पनबिजली की 13.09 फीसदी और नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 21.12 फीसदी है।

Answered by kavirjoshi49
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Answer: =

इसमें सौर ऊर्जा से 100 गीगावाट, पवन ऊर्जा से 60 गीगावाट, बायो-पावर से 10 गीगावाट और छोटी पनबिजली परियोजनाओं से 5 गीगावाट क्षमता शामिल है। ... फिलहाल 2018 में देश की कुल स्थापित क्षमता में तापीय ऊर्जा की 63.84 फीसदी, नाभिकीय ऊर्जा की 1.95 फीसदी, पनबिजली की 13.09 फीसदी और नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 21.12 फीसदी है।ऊर्जा किसी भी देश के विकास का इंजन होती है। किसी देश में प्रति व्यक्ति होने वाली ऊर्जा की खपत वहाँ के जीवन स्तर का भी सूचक है। यही नहीं, आर्थिक विकास का भी ऊर्जा उपयोग के साथ मज़बूत संबंध होता है। इसलिये भारत जैसी तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिये ऊर्जा जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बहुत ज़रूरी है।

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