भारत में विभिन्न प्रकार की पाई जाने वाली वनस्पति के नाम बताएँ और अधिक ऊँचाई पर पाई जाने वाली वनस्पति का ब्यौरा दीजिए।
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उत्तर :
भारत में विभिन्न प्रकार की पाई जाने वाली वनस्पति के नाम बताएँ निम्न लिखित है :
१.उष्णकटिबंधीय वर्षा वन
२.उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन अथवा मानसूनी वन।
३.कटीले वन तथ झाड़ियां।
४.शीतोष्ण वन तथा घास भूमियां।
५.अल्पाइन तथा टुंडरा वनस्पति
६.ज्वारीय वन
अधिक ऊँचाई पर पाई जाने वाली (पर्वतीय) वनस्पति का ब्यौरा :
उच्च क्षेत्रों में पाई जाने वाली वनस्पति :
पर्वतीय प्रदेशों में कई प्रकार की वनस्पति पाई जाती है। इन प्रदेशों में उष्णकटिबंधीय वनस्पति से लेकर ध्रुवीय प्राकृतिक वनस्पति की लगातार एक के बाद दूसरी श्रृंखला मिलती है। यह सभी श्रृंखलाएं केवल 6 किलोमीटर की ऊंचाई में स्थित है।
हिमाचल की शिवालिक श्रेणियों के वन :
हिमाचल की शिवालिक श्रेणियों में उष्णकटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती वन पाए जाते हैं। आर्थिक दृष्टि से इन वनों का सबसे महत्वपूर्ण वृक्ष साल है । यहां पर बांस भी बहुत होता है।
1000 से 2000 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाने वाले वन :
समुद्र तल से 1000 से लेकर 2000 मीटर तक की ऊंचाई पर आर्द्र पर्वतीय वन पाए जाते हैं। इन वनों में सदा चौड़ी पत्ती वाले ओक, चेस्ट नट तथा सेब के पेड़ सामान्य रूप से मिलते हैं। इसी ऊंचाई पर भारत के उत्तर पूर्वी भागों में जहां भारी वर्षा होती है ,उपोषण कटिबंधीय चीड़ के वन पाए जाते हैं। इस प्रकार के वनों में चीड़ के वृक्ष की प्रधानता होती है।
1500 से 3000 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाने वाले वन :
1500 से 3000 मीटर की ऊंचाई के बीच चीड़, सीडर, सिल्वर फर तथा स्प्रूस के वृक्ष मुख्य रूप से पाए जाते हैं। ये शीतोष्ण कटिबंध के प्रसिद्ध शंकुधारी वन है। हिमालय की आंतरिक श्रेणियों में तथा अपेक्षाकृत शुष्क भागों में ये वृक्ष तथा देवदार भली-भांति पनपता है।
3600 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाने वाले वन :
समुद्र तल से 3600 मीटर की ऊंचाई पर अल्पाइन वन पाए जाते हैं। सिल्वर फर ,चीड़ ,भुर्ज(बर्ज) तथा जूनिपर इन वनों के प्रमुख वृक्ष है।अल्पाइन वनों का स्थान झाड़ियां, गुल्म, घास भूमियांं ले लेती हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।।
Answer:
भारत में वनस्पति की प्रचुरता है। उपलब्ध आँकड़ों के आधार पर पादप विविधता की दृष्टि से विश्व में भारत का दसवाँ और एशिया में चौथा स्थान है। भारत में वनस्पति विभान संबंधी सर्वेक्षण (बीएसआई) द्वारा लगभग 70 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में अब तक किए गए सर्वेक्षण से 47,000 पादप प्रजातियों की व्याख्या की जा चुकी है।