भारत में विकास प्रक्रिया से जीण्डी0पी0 में तृतीयक क्षेत्रक की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है। क्या आप इस कथन से सहमत है विस्तार से बताइए।
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Answer:
हम इससे सहमत है क्योंकि त्रितयकक छेत्र सबसे ज्यादा रोजगार उत्पन करता है !और सबसे ज्यादा योगदान देता है
भारत में विकास प्रक्रिया से जी0डी0पी0 में तृतीयक क्षेत्रक की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है।इस कथन का विस्तार निम्नलिखित है-
Explanation:
तृतीयक क्षेत्र में किसी वस्तु का उत्पादन नहीं किया जाता बल्कि सेवाएं प्रदान की जाती हैं। तृतीयक क्षेत्रक की गतिविधियां प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रक के विकास में मदद करती है। तृतीयक क्षेत्रक की भूमिका किसी भी देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण होती है। सभी विकसित देशों में सकल घरेलू उत्पाद का अधिकांश भाग तृतीयक क्षेत्रक से ही प्राप्त होता है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में तृतीयक क्षेत्र की भागीदारी में वृद्धि हुयी है। क्यूंकि योजनाकाल के दौरान वर्ष १९७३ से २००३ तक ३० वर्षों में यद्यपि सभी क्षेत्रों में उत्पादन में वृद्धि हुई किन्तु तृतीयक क्षेत्रक के उत्पादन में सर्वधिक वृद्धि हुई। इस काल में तृतीयक क्षेत्रक की हिस्सेदारी ५० प्रतिशत थी जबकि २५ प्रतिशत हिस्सेदारी प्राथमिक क्षेत्रक की थी। इसी तथ्य के आधार पर तृतीयक क्षेत्र में रोज़गार वृद्धि की दर लगभग ३०० प्रतिशत रही है जो कि प्राथमिक व द्वितीयक क्षेत्र से बहुत अधिक है। अतः हम इस कथन से सहमत हैं कि भारत में विकास प्रक्रिया से जी0डी0पी0 में तृतीयक क्षेत्रक की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है।