भारत नहीं स्थान का वाचक, गुण विशेष नर का है,
Iska matlab bato plz❤️❤️❤️❤️
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भारत नहीं स्थान का वाचक, गुण-विशेष नर का है एक देश का नहीं, शील यह भूमंडल-भर का है। जहाँ कहीं एकता अखंडित, जहाँ प्रेम का स्वर है, देश-देश में वहाँ खड़ा भारत जीवित भास्वर है! निखिल विश्व की जन्मभूमि वंदन को नमन करूँ
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goo.d to se.e u
I thin.k ur a punj.abi ❤
bt yaa I also like maninder ✌
ho.pe u r doi.ng well
"भारत नहीं स्थान का वाचक, गुण विशेष नर का है,
एक देश का नहीं शील यह भूमंडल भर का है।
जहाँ कहीं एकता अखंडित, जहाँ प्रेम का स्वर है,
देश-देश में वहाँ खड़ा भारत जीवित भास्वर है!
निखिल विश्व की जन्म-भूमि-वंदन को नमन करूँ मैं?
किसको नमन करूँ मैं भारत! किसको नमन करूँ मैं?
it's a poem of abt Republic day
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