भारत नटया और तीर्थस्थलों का देश है हर वर्ष नदियों के किनारे मेला लगता है जैसे कि कुंभ मेला जो ।
= हमारी संस्कृति और आध्यात्मिकता को शानदार तरीके से दर्शाता है कुंभ क शादिक अर्थ कलश है और
इस मेले की पौराणिक मान्यता अमृत मंथन से जुड़ी हुई है। कहते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान अमृत की कुछ
वृद छलक कर इलाहबाद,नासिक, हरिद्वार, उज्जैन में गिरी। तब से प्रत्येक 12 सालों के अंतराल पर कु
मुला आयोजित किया जाता है आस्था और विश्वास का सबसे बड़ा कुंभ इस बार प्रयागराज में 15 जनवरी
2019 से शुरू हुआ और 4 मार्च 2019 को महाशिवरात्रि तक चला। 2019 में प्रयागराज में हुए इस कुम मेल
में मंदावत चित्रों व जानकारी को एकत्रित करते हुए एक कैलेंडर बनाइए।
मुख्य बिंदु (कैलेंडर) 23 S००४ Shsaar
ध्यान योग और आध्यात्मिकता की अनुभूति, यात्रा और ठहराव, स्नान तिथियाँ, लोक व |
सांस्कृतिक कार्यक्रम, टेंट का शहर, आपदा प्रबंधन, कुभ मेला मौसम सेवा, आकर्षक लाइटिंग, |
सांस्कृतिक पंडाल, नौका की सेवा, विशेष ट्रेन, हेल्पलाइन नंबर व अन्य सेवा।।
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र तरीके से दर्शाता है कुंभ क शादिक अर्थ कलश है और
इस मेले की पौराणिक मान्यता अमृत मंथन से जुड़ी हुई है। कहते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान अमृत की कुछ
वृद छलक कर इलाहबाद,नासिक, हरिद्वार, उज्जैन में गिरी। तब से प्रत्येक 12 सालों के अंतराल पर कु
मुला आयोजित किया जाता है आस्था और विश्वास का सबसे बड़ा कुंभ इस बार प्रयागराज में 15 जनवरी
2019 से शुरू हुआ और 4 मार्च 2019 को महाशिवरात्रि तक चला। 2019 में प्रयागराज में हुए इस कुम मेल
में मंदावत चित्रों व जानकारी
Explanation:
धातु रूप लिस्ट जैसे : पठ , गम्
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