भारतातील महानगर पालिकेतील हवा प्रदूषण स्त्रोत?
Answers
- हवा प्रदूषण
- explaining
- वायु प्रदूषण रसायनों, सूक्ष्म पदार्थ, या जैविक पदार्थ के वातावरण में, मानव की भूमिका है, जो मानव को या अन्य जीव जंतुओं को या पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है।[1]
- वायु प्रदूषण रसायनों, सूक्ष्म पदार्थ, या जैविक पदार्थ के वातावरण में, मानव की भूमिका है, जो मानव को या अन्य जीव जंतुओं को या पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है।[1]वायु प्रदूषण के कारण मौतें और श्वास रोग होते हैं।[2] वायु प्रदूषण की पहचान ज्यादातर प्रमुख स्थायी स्रोतों से की जाती है, पर उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत मोबाइल, ऑटोमोबाइल्स है।[3] कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें, जो ग्लोबल वार्मिंग के लिए सहायक है, को हाल ही में प्राप्त मान्यता के रूप में मौसम वैज्ञानिक प्रदूषक के रूप में जानते हैं, जबकि वे जानते हैं, कि कार्बन -डाइऑक्साइड प्रकाश संश्लेषण के द्वारा हम को जीवन प्रदान करता है।[4]
वायु प्रदूषण रसायनों, सूक्ष्म पदार्थ, या जैविक पदार्थ के वातावरण में, मानव की भूमिका है, जो मानव को या अन्य जीव जंतुओं को या पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है।[1]वायु प्रदूषण के कारण मौतें और श्वास रोग होते हैं।[2] वायु प्रदूषण की पहचान ज्यादातर प्रमुख स्थायी स्रोतों से की जाती है, पर उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत मोबाइल, ऑटोमोबाइल्स है।[3] कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें, जो ग्लोबल वार्मिंग के लिए सहायक है, को हाल ही में प्राप्त मान्यता के रूप में मौसम वैज्ञानिक प्रदूषक के रूप में जानते हैं, जबकि वे जानते हैं, कि कार्बन -डाइऑक्साइड प्रकाश संश्लेषण के द्वारा हम को जीवन प्रदान करता है।[4]यह वातावरण एक जटिल, गतिशील प्राकृतिक वायु तंत्र है जो पृथ्वी गृह पर जीवन के लिए आवश्यक है। वायु प्रदूषण के कारण समतापमंडल से हुए ओज़ोन रिक्तीकरण को बहुत पहले से मानव स्वास्थ्य के साथ के पारस्थितिकी तंत्र के लिए खतरे के रूप में पहचाना गया है
Explanation:
घन कचऱ्याचे स्रोत
१. घरगुती कचरा - घरातील कचऱ्यामध्ये भाजीपाल्याची
साले, खराब झालेले अन्न, काचेच्या वस्तू, पुठ्ठा,
प्लास्टिक पिशव्या, फोम, इलेक्ट्रॉनिक कचरा आणि
फर्निचर इ. वस्तूंचा समावेश होतो.
२. शेती कचरा - पिकांचे अवशेष, जनावरांच्या विष्ठा,
पीकप्रक्रियेतील कचरा इत्यादी.
३. व्यावसायिक कचरा - यात पॅकेजिंग सामग्री, टाकाऊ
कार्यालयीन उपकरणे, फर्निचर, ई-कचरा इत्यादी
असतात.
४. जैव वैद्यकीय कचरा - हा क्लिनिक, पॅथॉलॉजी लॅब
आणि हॉस्पिटलमधून येतो. यात प्रामुख्याने संसर्गजन्य
कचरा, सुया, चाकू, मलमपट्ट्या, शरीराचे भाग व
कालबाह्य औषधे इत्यादींसारखे घटक असतात.
५. ई-कचरा - हा इलेक्ट्रॉनिक व घरगुती उपकरणाच्या
वापरातून निर्माण झालेला कचरा होय. ई-कचऱ्याचे
तीन मुख्य श्रेणींमध्ये वर्गीकरण केले गेले आहे. मोठी
घरगुती उपकरणे, आयटी व दूरसंचार आणि ग्राहक
उपकरणे. रेफ्रिजरेटर आणि वॉशिंग मशीन मोठ्या
घरगुती उपकरणांचे प्रतिनिधित्व करतात, पर्सनल
कॉम्प्युटर, मॉनिटर आणि लॅपटॉप आयटी आणि
टेलिकॉमचे प्रतिनिधित्व करतात, तर भ्रमणध्वनी,
दूरदर्शनसंच ग्राहक उपकरणाचे प्रतिनिधित्व करते.
६. औद्योगिक कचरा ः औद्योगिक प्रक्रियेतून निर्माण
होणारा कचरा. यामध्ये उत्पादक प्रक्रियेतील टाकाऊ
घटकांचा समावेश होतो.
कचरा निर्मिती आणि त्याचे व्यवस्थापन ही वैश्विक समस्या
बनत आहे. कचरा साचल्यामुळे परिसर खराब होतो आणि
आरोग्यास धोका निर्माण होतो. याचा जमिनीवरील व जलीय
जीवनावर विपरीत परिणाम होतो. कचऱ्याची विल्हेवाट
लावण्यासाठी आवश्यक जागेअभावी, वायू प्रदूषण, जल
प्रदूषण, माती प्रदूषण यांमुळे पृथ्वीवरील जीवनावर परिणाम
होत आहे.