Hindi, asked by priyadutt8284, 6 months ago

भारतेंदु कवि ने धर्म के क्षेत्र में कौन से संकेत दिए​

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Answered by shekharmerck
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भारतेंदु हरिश्चंद्र को केवल 34 साल की आयु मिली, लेकिन इतने ही समय में उन्होंने गद्य से लेकर कविता, नाटक और पत्रकारिता तक हिंदी का नक्शा बदलकर रख दिया‘बाबू मोशाय!!! जिंदगी लंबी नहीं...बड़ी होनी चाहिए...!’ यह डायलॉग 1971 की चर्चित फिल्म ‘आनंद’ का है. फिल्म में कैंसर के मरीज बने राजेश खन्ना ने जिंदगी का यह फलसफा अपने दोस्त अमिताभ बच्चन को दिया था. लेकिन यह फलसफा हिंदी साहित्य की महान विभूति भारतेंदु हरिश्चंद्र पर भी सटीक बैठता है. उन्होंने सिर्फ 34 साल चार महीने की छोटी सी आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन दुनिया छोड़ने से पहले वे अपने क्षेत्र में इतना कुछ कर गए कि हैरत होती है कि कोई इंसान इतनी छोटी सी उम्र में इतना कुछ कैसे कर सकता है. हमें मालूम हो या न हो लेकिन यह सच है कि आज का हिंदी साहित्य जहां खड़ा है उसकी नींव का ज्यादातर हिस्सा भारतेंदु हरिश्चंद्र और उनकी मंडली ने खड़ा किया था. उनके साथ ‘पहली बार’ वाली उपलब्धि जितनी बार जुड़ी है, उतनी बहुत ही कम लोगों के साथ जुड़ पाती है. इसलिए कई आलोचक उन्हें हिंदी साहित्य का महान ‘अनुसंधानकर्ता’ भी मानते हैं.

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