Hindi, asked by pbcksahu484, 10 months ago

भारतीय चुनाव प्रणाली के दोष को कैसे दूर करें हिंदी​

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Answered by Anonymous
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भारतीय चुनाव प्रणाली में बहुत से दोष हैं। अगर इनमें सुधार कर लिया जाए तो काफी हद तक देश की स्थिति सुधर सकती है क्योंकि जिस तरह से देश में नेताओं का चुनाव होता है, उसमें से आधी जनता उसके पक्ष में नहीं होती है या उसे सत्ता में नहीं लाना चाहती है। ऐसे में यह कैसे तर्कसंगत है कि कुल के आधे से भी कम वोटों की बदौलत कोई सत्ता पर राज करने के लिए बैठ सकता है। लोकतंत्र की परिभाषा है जनता के द्वारा, जनता के लिए, जनता की सरकार लेकिन वर्तमान परिदृश्य में इन शब्दों का वास्तविकता से दूर-दूर तक सरोकार नहीं दिखता। वहीं, मतदान दर के प्रतिशत में कमी आने की वजह मध्यमवर्गीय और उच्चवर्गीय लोगों का मतदान में रुचि लेना नहीं है। वह घर से निकलकर लाइन में लगना उचित नहीं समझते हैं। वे मानते हैं कि सरकार कोई भी बने पर होती सब एक जैसी हैं। इसके लिए कड़े नियम लाने होंगे या लोगों को जागरूक करना होगा। हर बार कहा जाता है कि जनता के हित के अनुसार प्रतिनिधियों का चयन किया जाएगा लेकिन होता कुछ नहीं है। सभी राजनीतिक पार्टियां पैसे लेकर होनहार प्रत्याशियों की जगह अपने सगे संबंधियों को खड़ा कर देती हैं। इस वजह से भी लोगों का रुझान वोटिंग से कम हो रहा है। आखिर बात जो यह है कि भारत में भी अमेरिका की तरह चुनाव होना चाहिए। यानी जिस प्रत्याशी को 100 में से 51 प्रतिशत वोट मिलें, वो ही जीते।

Answered by krishna210398
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Answer:

भारतीय चुनाव प्रणाली के दोष को कैसे दूर करें

Explanation:

  • नाव सुधार
  • मत-पत्र के प्रयोग के बजाय एलेक्ट्रानिक मतदान मशीन द्वारा मतदान
  • स्वैच्छिक मतदान के बजाय अनिवार्य मतदान
  • नकारात्मक मत का विकल्प
  • 'किसी को मत नहीं' (नोटा) का विकल्प
  • चुने हुए प्रतिनिधियों को हटाने या बुलाने की व्यवस्था
  • मत-गणना की सही विधि का विकास
  • स्त्रियों एवं निर्बल समूहों के लिए सीटों का आरक्षण

#SPJ6

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