भारतीय मरुस्थल के निर्माण का मुख्य कारणों को लिखिए
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Answer:
हवा ठंडी होने पर, घनीकरण के पश्चात् अपनी नमी उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों को प्रदान कर देती है। ... जैसे ही उच्च दाब के दोनों उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों की धरती पर सघन वायु उतरती है, पूर्वी हवाएं निर्मित होती हैं जो सूखी तथा नमी रहित होती हैं। यह सूखी हवाएं उस क्षेत्र की धरती से नमी सोख कर धरती को अधिक शुष्क बना देती हैं।
Explanation:
हवा ठंडी होने पर, घनीकरण के पश्चात् अपनी नमी उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों को प्रदान कर देती है। ... जैसे ही उच्च दाब के दोनों उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों की धरती पर सघन वायु उतरती है, पूर्वी हवाएं निर्मित होती हैं जो सूखी तथा नमी रहित होती हैं। यह सूखी हवाएं उस क्षेत्र की धरती से नमी सोख कर धरती को अधिक शुष्क बना देती हैं।किसी भी उष्ण कटिबंधीय मरुस्थल के भांति भारतीय थार का मरुस्थल का विकास भी वर्षा का में कमी के कारण हुआ है।
भारतीय मरुस्थल के निर्माण का मुख्य कारण वर्षा में कमी के कारण हुआ।
भारतीय मरुस्थल : -
- गोंडवाना लैंड के विखंडन के बाद यह भारतीय प्लेट के साथ अफ्रीका के सहारा से उत्तर-पूर्व की तरफ अग्रसर होकर वर्तमान अवस्था को प्राप्त हुआ है।
- किसी भी उष्ण कटिबंधीय मरुस्थल के तरह ही भारतीय थार का मरुस्थल का विकास वर्षा ना होने के कारण से हुआ है।
- प्राकृतिक वनस्पतियों का विकास वर्षा के अभाव से नहीं हो पाता है।
- धरातल के ऊपरी हिस्से का परत हवा, ताप, दाब तथा अन्य कारकों के द्वारा इसका विखंडन शुरू होता है। और इस प्रकार धीरे-धीरे यही अनाक्षादन संपूर्ण प्रदेश को रेत के ढेर में परिवर्तित कर देता है।
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