भारतीय संविधान | Indian Constitution in Hindi
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" भारत का संविधान"
अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों से तंग आकर के पूरे भारत में अंग्रेजों के विरुद्ध एक आंदोलन चल पड़ा था I एक ही मांग थी और एक ही नारा था, भारत छोड़ो। कई देशभक्त क्रांतिकारियों ने अपने वतन को आजाद करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। आखिरकार ब्रिटिश सरकार को झुकना पड़ा और उन्होंने 1945 में इंग्लैंड से भारत के लिए अपनी नई नीति की घोषणा की और भारत में संविधान सभा के निर्माण के लिए एक कैबिनेट मिशन को भारत भेजा था।
15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ। किसी भी देश का कामकाज और राज चलाने के लिए संविधान का होना बहुत जरूरी है। भारत के पास अपना संविधान नहीं था इसलिए उस समय के बुद्धिजीवियों ने संविधान सभा की घोषणा की। संविधान सभा ने अपना कार्य 9 दिसंबर 1947 से करना शुरू कर दिया। संविधान सभा की समिति में सदस्य थे पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉ भीमराव आंबेडकर, मौलाना अब्दुल कलाम और सरदार वल्लभभाई पटेल।
संविधान सभा के द्वारा भारतीय संविधान बनाने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे। संविधान सभा ने संविधान बनाने के लिए 12 अधिवेशन किए I अंत में 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किए और संविधान सभा ने 26 नवंबर 1950 को संविधान को पारित किया। स्वतंत्र भारत के नए संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया और भारत का अपना संविधान था, अपने नियम थे , अपना कानून था।
संविधान की अपनी शक्ति सीधे जनता से हैं इसलिए संविधान की प्रस्तावना में "हम भारत के लोग" इन शब्दों से शुरू होता है।
संविधान की प्रस्तावना-> "हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय विचार अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतन्त्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ईस्वी को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं"।
भारतीय संविधान में भारत की जनता के लिए सात मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है
समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार, कुछ विधियों की व्यावृत्ति का अधिकार, संवैधानिक उपचारों का अधिकार।
भारतीय संविधान की आधारभूत विशेषताएं हैं संप्रभुता, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक शक्ति विभाजन, संविधान की सर्वोच्चता, भारतीय संविधान में कुछ विभेदकारी विशेषताएं भी हैं।
भारतीय संविधान जहां बहुत ही कठोर है वहीं पर बहुत ही ज्यादा लचीला भी है I भारतीय संविधान में संशोधन करने के लिए लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों में एक तिहाई बहुमत का होना बहुत आवश्यक है। भारतीय संविधान में अब तक 123 बार संशोधन किया जा चुका है।
भारतीय संविधान में भारत के प्रत्येक नागरिकों के लिए मूल कर्तव्यों का भी उल्लेख किया गया है। देश का कोई भी कानून संविधान से ऊपर नहीं है संविधान ही सर्वोच्च है।