Political Science, asked by jugnuparveen43, 5 months ago

भारतीय संविधान की दो विशेषताओं का वर्णन कीजिए class 11th​

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Answered by ashishranjan80022107
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Constitution of Parliament

भारत का संविधान- परिचय एवं व्याख्या संविधान सामान्य अध्ययन

भारतीय संविधान की विशेषताएं Features of the Indian Constitution

August 31, 2015 admin 147198 Views 7 Comments

भारत का संविधान अनेक दृष्टियों से एक अनुपम संविधान है। भारतीय संविधान में अनेक ऐसे विशिष्ट लक्षण हैं, जो इसे विश्व के अन्य संविधानों से पृथक् पहचान प्रदान करते हैं।

संविधान के प्रमुख या स्पष्ट दिखाई देने वाले लक्षण संविधान की वे विशेष बातें होती हैं जिनसे उसकी अन्य संविधानों से भिन्नता प्रकट होती हैं। उल्लेखनीय है कि प्रमुख लक्षण का अर्थ आधारिक लक्षण नहीं होता। आधारिक लक्षण, संविधान के वे उपबंध हैं जिनका संशोधन नहीं किया जा सकता, या जिन्हें नष्ट नहीं किया जा सकता, या जिन पर प्रहार नहीं किया जा सकता । आधारिक लक्षणों का संशोधन नहीं किया जा सकता यह सिद्धांत केशवानंद भारती में प्रतिपादित किया गया था और इसका अनुसरण इसके पश्चात् अनेक मामलों में किया गया।

भारतीय संविधान की रूपरेखा

लिखित एवं विशाल

संविधान भारतीय संविधान का निर्माण एक विशेष संविधान सभा के द्वारा किया गया है और इस संविधान की अधिकांश बातें लिखित रूप में है। इस दृष्टिकोण से भारतीय संविधान, अमेरिकी संविधान के समतुल्य है। जबकि ब्रिटेन और इजरायल का संविधान अलिखित है। भारतीय संविधान केवल एक संविधान नहीं है वरन् देश की संवैधानिक और प्रशासनिक पद्धति के महत्वपूर्ण पहलुओं से संबंधित एक विस्तृत वैज्ञानिक संहिता भी है। इसके अतिरिक्त भारतीय संविधान विश्व का सर्वाधिक व्यापक संविधान है।

भारत के मूल संविधान में कुल 395 अनुच्छेद थे जो 22भागों में विभाजित थे और इसमें 8 अनुसूचियां थीं। (इनमें पश्चात्वर्ती संशोधनों द्वारा वृद्धि की गई) बहुत-से उपबंधों का निरसन करने के पश्चात् भी इसमें (वर्ष 2013 तक) 444 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। 1950-1993 के बीच की अवधि में बहुत से अनुच्छेदों का लोप कर दिया गया है। संविधान में 64 अनुच्छेद और 4 अनुसूचियां जोड़ी गई हैं अर्थात् अनुच्छेद 31क-31ग, 35क, 39क, 48क,48क, 51क, 131क, 134क, 189क, 144क,224क, 233क, 239क, 239कक, 239कख, 239ख, 243, 243क से 243 चछ तक, 244क, 257क, 258क, 290क, 300क, 312क, 323क, 323ख, 350क, 350ख, 361ख, 361क, 368क, 371क – 371झ, 372क, 378क, 349क; जबकि अमेरिका के संविधान में केवल 7, कनाडा के संविधान में 147, आस्ट्रेलिया के संविधान में 128 और दक्षिण अफ्रीका के संविधान में 253 अनुच्छेद ही हैं। संविधान के इतने विशाल होने के अनेक कारण हैं।

इसमें राज्य के प्रशासन से संबंधित उपबंध है। अमेरिकी संविधान इससे भिन्न है। वहां राज्यों ने अपने-अपने संविधान अलग से बनाए। हमारे संविधान में कनाडा का अनुसरण किया गया। हमारे संविधान में संघ और सभी राज्यों के संविधान हैं – जम्मू-कश्मीर को छोड़कर। जम्मू-कश्मीर को अपना संविधान बनाने की अनुमति दी गई। संविधान के उपबंध भी जम्मू-कश्मीर राज्य पर स्वतः लागू नहीं किए गए। वहां संविधान के उपबंध अनुच्छेद 370 के अधीन धीरे-धीरे लागू किए गए। इनमें से कुछ उपांतरित रूप में लागू किए गए।

संविधान में प्रशासनिक मामलों के बारे में विस्तार से उपबंध हैं। संविधान निर्माताओं की इच्छा थी कि यह एक विस्तारवान दस्तावेज हो और उनके सामने भारत शासन अधिनियम 1935 का दृष्टांत था। उसमें न्यायपालिका, लोक सेवा आयोग, निर्वाचन आयोग आदि के बारे में विस्तृत उपबंध रखे गए थे। डॉ. अंबेडकर ने इन प्रशासनिक बातों को सम्मिलित किए जाने की इस आधार पर उचित ठहराया था कि दुर्भाव से काम करने वाले व्यक्ति संविधान को छद्म रूप से भ्रष्ट न कर सकें।

भारत शासन अधिनियम, 1935 के अधिकांश उपबंध यथावत् अंगीकार कर लिए गए। 1935 का अधिनियम एक बहुत लंबा दस्तावेज था। उसे आदर्श मानकर उसका बहुत बड़ा भाग संविधान में समाविष्ट कर लिया गया। इससे संविधान की लंबाई बढ़ना स्वाभाविक था।

डॉ. अंबेडकर ने ऐसा करने के पक्ष में यह तर्क दिया था कि, भारत के लोग विद्यमान प्रणाली से परिचित हैं।

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