भारतीय समाज में स्त्रियां निरंतर सशक्त हो रही है | भारत की ये बहादुर बेटियां पाठ में इसके स्पष्ट संकेत देने को मिलते है? टिप्प्णी कीजिए
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महिला सशक्तीकरण के लिए मूल सिद्धांत हैं कि महिलाओं को सामाजिक और राजनीतिक अधिकार, वित्तीय सुरक्षा, न्यायिक शक्ति और वे सारे अधिकार जो पुरुषों को प्राप्त हैं वह मिलना चाहिए । मतलब ये कि महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकारों का आनंद मिलना चाहिए। अगर साफ शब्दों में कहें तो लिंग आधारित कोई पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए । हालांकि परंपरागत मानदंड और ये प्रथा तेजी से बदल रहे हैं, फिर भी महिलाओं को ये जानना चाहिए कि उनके मूल और सामाजिक अधिकार क्या है । सशक्त महिलाओं का मतलब है कि महिलाओं को अपने व्यक्तिगत लाभों के साथ ही साथ ही समाज के लिए अपने स्वयं के निर्णय ले सकने में सक्षम हो । महिला सशक्तिकरण का मतलब ये कि अब ये महिलाएं के साथ पितृसत्ता का स्थान ले रहा है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने महिला विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। भारत की महिलाएं राष्ट्र की प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और सरकार उनके योगदान और क्षमता को पहचानती है। सरकार ने महिला सशक्तिकरण को लेकर कई मजबूत कदम उठाए हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ से लेकर बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं और उनके दैनिक जीवन और उनकी दीर्घकालिक संभावनाओं को सुधारने के लिए कई पहल की है। केंद्र सरकार ने अपने कामकाज की बदौलत एक तरह से महिलाओं को एक साथ जोड़ दिया है।
प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने से पहले, श्री नरेंद्र मोदी ने उन महिलाओं के साथ सहानुभूति व्यक्त की थी जो असुरक्षित और अस्वास्थ्यकर वातावरण में अपने परिवारों के लिए खाना पकाया करती थी । लकड़ी से निकलने वालें धुएं, और स्टोव के धुएं के खतरनाक प्रभाव से महिलाओं को मुक्त करने के लिए उज्ज्वळा योजना शुरू की गई। गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) के परिवारों को बेहतर जीवन के लिए सरकार ने उन्हें बेहतर और स्वस्थ वातावरण प्रदान किया।