Hindi, asked by janhviMahto, 9 months ago

भारतवर्ष में कानून को किस रूप में देखा गया है​

Answers

Answered by Anonymous
14

<font color=grey> भारतवर्ष में कानून को नागरिकता संशोधन विधेयक रूप में देखा गया है।

 <html> <head> <meta name="viewport" content="width=device-width, initial-scale=1"> <style> Body{ background-color: black; font-family: cursive; } .glow{ font-size: 80px; color: #fff; text-align: center; -webkit-animation: glow 1s ease-in-out infinite alternate; -moz-animation: glow 1s ease-in-out infinite alternate; animation: glow 1s ease-in-out infinite alternate; } @-webkit-keyframes glow{ from{ text-shadow: 0 0 10px #fff, 0 0 20px #fff, 0 0 30px #e60073, 0 0 40px #e60073, 0 0 50px #e60073, 0 0 60px #e60073, 0 0 70px #e60073; } } </style> </head> <body> <h1 class="glow">❤Hello..</h1> </body> </html>

Answered by franktheruler
0

भारत वर्ष में कानून को धर्म के रूप में देखा गया है।

  • धर्म व कानून में अंतर है। कानून को धोखा दिया जा सकता है परन्तु धर्म को नहीं।
  • भारत में अधिकांश लोग धर्म भीरू है। वे कानून की कमियों का फायदा उठाते है।
  • भारत में उच्च वर्ग के लोग जैसे भी ही परन्तु ऐसे भी लोग है जो धर्म को मानते है, धर्म को कानून से बड़ा समझते है।
  • लोग आज भी सेवा करने में, दूसरों के दुख दूर करने में, सहायता करने में विश्वास रखते है, मानवता आज दब जरूर गई है परन्तु खत्म नहीं हुई है।
Similar questions