भारतवर्ष में किसके संग्रह को अधिक महत्त्व नहीं दिया जाता? * 1 point (a) धन-संपत्ति (b) लोभ-मोह को (c) काम-क्रोध को (d) भौतिक वस्तुओं को
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भारतवर्ष में भौतिक वस्तुओं के संग्रह को अधिक महत्त्व नहीं दिया जाता है, क्योंकि अक्सर एक ऐसी धारणा है की भौतिक वस्तुओं के संग्रह में किसी प्रकार का कोई भी लाभ नहीं मिलता है और भारतीय संस्कृति धार्मिक मनोभावों को अधिक बढ़ावा देना चाहती है क्योंकि यहाँ पर आंतरिक गुणों को प्रभावी माना जाता है।
Explanation:
इसे सुनेंरोकें२४ समय बीतने पर, यहोवा ने इस पृथ्वी पर, जीवित, भौतिक वस्तुएं, अर्थात् पौधे, वृक्ष, फूल मछलियाँ, पक्षी और पशु की सृष्टि की।
Hindi for Material Culture भौतिक संस्कृति में मानव निर्मित वस्तुएं जैसे उपकरण, औजार, फर्नीचर, ऑटोमोबाइल, भवन, बांध, सड़क, पुल शामिल हैं और वास्तव में, भौतिक पदार्थ जिसे मनुष्य द्वारा परिवर्तित और उपयोग किया गया है।
यह बाहरी, यांत्रिक और उपयोगितावादी वस्तुओं से संबंधित है। इसे सुनेंरोकेंमहरच नहीं दिया है, उसकी दृष्टि से मनुष्य के भीतर जो महान् आंतरिक तत्त्व स्थिर भाय से बैठा हुआ है, वही चरम और परम है।
लोभ-मोह, काम-क्रोध आदि विकास - Bhautik ka arth भौतिक नाम का मतलब सब कुछ आप देखते हैं, महसूस, गंध होता है। इसे सुनेंरोकेंभौतिक को अंग्रेज़ी में फिजि़कल (Physics) कहते हैं और इस शब्द से भौतिक का अर्थ स्पष्ट हो जाता है , भौतिक अर्थात् ऐसा रूप जिसको हम अपनी पॉच ज्ञानेन्द्रियों के माध्यम से जान पाते हैं । इसे सुनेंरोकेंभौतिक संस्कृति के अन्र्तगत उन सभी भौतिक एवं मूर्त वस्तुओं का समावेश होता है जिनका निर्माण मनुष्य के लिए किया है, तथा जिन्हें हम देख एवं छू सकते हैं।
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