Hindi, asked by aditrijain22, 9 months ago

भारतवर्ष सदा कानून को धर्म के रूप में देखता आ रहा है| आज एकाएक कानून और धर्म में अंतर कर दिया गया है| धर्म को धोखा नहीं दिया जा सकता है| यही कारण है कि जो लोग धर्म भीरू हैं, वे कानून की त्रुटियों से लाभ उठाने में संकोच नहीं करते| इस बात के पर्याप्त प्रमाण खोजे जा सकते हैं कि समाज के ऊपरी वर्ग में चाहे जो भी होता रहा हो, भीतर-भीतर भारतवर्ष अब भी यह अनुभव कर रहा है कि धर्म कानून से बड़ी चीज़ है| अब भी सेवा, ईमानदारी, सच्चाई और अध्यात्मिकता के मूल्य बने हुए हैं, वे दब अवश्य गए हैं लेकिन नष्ट हुए हैं| आज भी वह मनुष्य से प्रेम करता है, महिलाओं का सम्मान करता है, झूठ और चोरी को गलत समझता है, दूसरे को पीड़ा पहुंचाने को पाप समझता है| हर आदमी अपने व्यक्तिगत जीवन में इस बात का अनुभव करता है|

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Answered by diwakarsharma215
8

Answer:

sahi baat hai issa nahi karna chaiye a

Answered by durgathakur733
5

Answer:

we should not do this ......

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