भीष्म
प्रश्न एक पिता के दुख को दूर करने के लिए देवव्रत ने सच्चे पुत्र का फर्ज कैसे निभाया?
प्रश्न दो देव व्रत भीष्म क्यों कहलाए विस्तार से लिखो?
प्रश्न 3 राजा शांतनु के सत्यवती के साथविवाह के प्रस्ताव रखने के पश्चात मल्लाह ने उनके सामने क्या शर्त रखी थी राजा शांतनु क्या उस शर्त को मानने के लिए तैयार थे?
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Explanation:
(1) अपने पिता के लिए ऐसी कठोर तपस्या करने वाले देवव्रत के चरित्र से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने माता-पिता की खुशी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देना चाहिए।
(2) देवव्रत के पिता राजा शान्तनु धीवर की रूपवती पुत्री सत्यवती से विवाह करना चाहते थे परन्तु उसने एक शर्त रखी कि उसकी पुत्री से उत्पन्न पुत्र ही राज्य का उत्तराधिकारी हो । शान्तनु इसके लिए तैयार न हुए और उदास होकर महल को लौट आए । ... अपनी भीषण प्रतिज्ञा के कारण ही देवव्रत भीष्म कहलाए ।
(3) बेचारे शांतनु। सत्यवती के पिता ने कहा, 'अगर आप मेरी बेटी से विवाह करना चाहते हैं तो आपको मुझे वचन देना होगा कि आपके बाद राजगद्दी सत्यवती की संतान ही संभालेगी। आपको पहले से ही एक युवा पुत्र है। जाहिर है, आपने उसे ही अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया होगा
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