भौतिकता के उत्थानों में जीवन का उत्थान न भूलें!!
इस पंक्ति को स्पष्ट कीजिए
please give the meaning of the above sentence in hindi
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भौतिकता के उत्थानों में जीवन का उत्थान न भूलें!!
इस पंक्ति को स्पष्ट कीजिए
भौतिकता के उत्थानों में जीवन का उत्थान न भूलें!! इस पंक्ति से आशय यह है कि हमें अपने जीवन के नैतिक मूल्यों को नहीं भूलना चाहिए | समाज के प्रगति के चक्कर में हमें अपने जीवन के मूल्यों और अपनी संकृति को नहीं भूलना चाहिए | हमें जीवन एक ही बार मिलता है , इसलिए हमें अपने जीवन की प्रगति के लिए अपने संस्कारों को नहीं भूलना चाहिए |
जीवन को आसन बनाने के चक्कर में , मनुष्य द्वारा किए गए अविष्कारों में हमने अपनी प्रकृति को खो दिया है | हमने अपनी पृथ्वी को दूषित कर दिया है | हमें जीवन को अच्छा बनाने के चक्कर में जीवन के मूल्यों को नहीं भूलना चाहिए |
aaj sari duniya mein bhoutikta unnati ko hi mahatva diya ja rha|Isliye sansar aaj vishudh ke kagar par pahuch gya hai |whi apni sanskruti or sanskar bhulta ja raha hai | log apne swarth ke karn ak-dusre ke pyase ho rahe hai | logo mein neitik nhi rahi rah gayi hai | yahi karn hai ki logo ke riday se daya bhavna,logo ke prati hamdardi aadi ke bhav gayab hote ja rahe hai | jiwan - mulyo ke dwara hi manav jiwan ka uthan ho sakta hai | isi mein sukh shanti hai
by hindi digest