Hindi, asked by surender90malra, 29 days ago

भित्तियाँ यह लौह की रज में मिलेंगी​

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Answered by ajju52049
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Explanation:

उत्चितपटेल रिवतर्णानं पुरात- पति वरुण सप काल मा चारिज्यकल अनारमभावस्व विकास स्व स्वानिविवेकानन्दस्य जन्म कुक/माकुल भारतात प अपमतत

Answered by jhaashok7474
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Answer:

भित्तियाँ यह लौह की रज में मिलेंगी

देशवासी कह रहे हैं कि अपनी वीरता और बलिदान से वे लोहे की दीवार तोड़कर भारत माँ को मुक्त कराएँगे। तुम्हारी जंजीरों को हमारे दिलों का जोश गला देगा और यह लोहे की दीवार मिट्टी में मिल जाएगी। पराधीनता रुपी लोहे की जंजीर मिट्टी में मिल जाएगी।

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