'बहुत दिनों के बाद' कविता में गाँव लौटने पर कवि ने क्या अनुभव किया? बताइए।
Answers
Answer:
कवि ने गांव लौटने पर जी भर मौलसरी के ताजे – ताजे फूलों की सुगंध को महसूस किया उसकी अनुभूति की। ... अर्थात कभी अपने गांव में वास्तविक जीवन को जीते हैं। बहुत दिनों के बाद मुझे ग्रामीण प्रकृति का रमणीय एवं मोहक रूप देखकर आनंद का अनुभव हुआ।
Answer:
प्रस्तुत कविता बहुत दिनों के बाद कवि नागार्जुन इन्होंने लिखी है| इस कविता में कविने गाँव लौटकर आने के बाद कूच बातो का अनुभव लिया| ऊन बातो को कवि ने इस कविता मे प्रस्तुत किया है|
बहुत लंबे समय के बाद गाँव मे मुझे ग्रामीण रमणीय मोहक रूप देखकर कवि को आनंद हुआ| उन्होंने सूनहरी फसलो को मुस्कुराते हुए पाया, धान कूटती हुई युवती किशोरीयों को कोमल कंठों से मधुर गीत गाते हुए देखा| कवि कहते है, बहुत दिनो के बाद मैंने गाव मे ताजे ताजे फुलों का सुगंध का अनुभव लिया|
कवि गाँव के रास्ते पर चंदन समान मिट्टी को स्पर्श करने का आनंद महसूस किया| बहुत दिनों के बाद कवि ने गन्ने का रस पिकर अनुभव लिया| गाँव लौटकर कवि ने जीवन जीने का अनुभव लिया| जीवन को अपने रस, रूप, गंध, स्पर्श शब्द इन सब को बहुत ही कवि ने महसूस किया|