Hindi, asked by sabbahkhan9971, 11 months ago

भीतर के अँधेरे की टार्च बेचने और ‘सूरज छाप' टार्च बेचने के धंधे में क्या फ़र्क है? पाठ के आधार पर बताइए।

Answers

Answered by sarojk1219
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एक अंधेरे आत्मा के लिए कोशिश कर रहा है और दूसरा रात के अंधेरे के लिए है।

Explanation:

हम देख सकते हैं कि टार्च की बिक्री से दोनों के बीच बड़ा अंतर है:

1) पहला व्यक्ति एक संत है और वह ज्ञान के तर्क के लिए भाषण वितरित कर रहा है, उन्होंने कहा कि मूर्खता से बाहर आओ और ज्ञान का प्रकाश ले लो। ज्ञान मूर्खता से दूरी बनाने का एकमात्र तरीका है। इसलिए वह ज्ञान के प्रकाश की टार्च बेचना चाहता था।

2) जबकि दूसरी ओर उसका दोस्त टार्च बेचने की कोशिश कर रहा था जो रात में जगह को रोशन करने के लिए एक उपकरण है। वह रात के अंधेरे से लोगों को डराना चाहता है ताकि लोग उसकी टार्च खरीदें। वह डिवाइस (टार्च) बेचना चाहता था।

इसलिए दोनों व्यक्तियों द्वारा बेचे गए दोनों मशालों के बीच बहुत अंतर हैं। एक अंधेरे ओएस आत्मा के लिए कोशिश कर रहा है और दूसरा रात के अंधेरे के लिए है।

Answered by lakshaysoni01279473
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Answer:

यह धंधे पाठ में देखने में एक लगते हैं परन्तु दोनों में बहुत अंतर है। एक में सामान्य अंधकार को दूर करने के लिए टार्च बेचनी थी। यह एक उपकरण है, जो कृत्रिम प्रकाश पैदा करता है। इससे लोगों की सहायता की जाती है कि वे अँधेरे में स्वयं को कष्ट पहुँचने से बचा सके। भीतर के अँधेरे की टार्च बेचने का धंधा बहुत ही अलग है। इसके अंदर मनुष्य को भीतर के अँधेरे का डर दिखाया जाता है। यह धंधा लोगों में डर फैलाता है और उनका धर्म के नाम पर शोषण किया जाता है। इनसे आम लोगों को कुछ फायदा नहीं अपितु उनका भावनात्मक शोषण होता है।

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