दिव्यांगों की समस्या पर आधारित ‘स्पर्श', 'कोशिश' तथा 'इकबाल' फ़िल्में देखिए और समीक्षा कीजिए।
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ok hm aisa jarur karenge aur sameekshak bi krenge
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दिव्यांगों की समस्या पर आधारित ‘स्पर्श', 'कोशिश' तथा 'इकबाल' फ़िल्में देखे और इसकी समीक्षा विद्यार्थी अपने अध्यापक/ अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
कुछ अतिरिक्त जानकारी :
यह गूंगे कहानी से लिया गया है। इसके रचयिता रांगेय राघव है। ये उनकी एक प्रसिद्ध कहानी है। यह कहानी एक गूंगे लड़के की है जिसमें शोषित एवं पीड़ित मानव की असहाय स्थिति का मार्मिक चित्रण किया गया है। गूंगे में ऐसी तड़प है जो पाठक को झकझोर देती है लेखक इस कहानी के माध्यम से यह संदेश भी दिया है कि हमें उन्हें सामान्य मानव की तरह मानना एवं समझना चाहिए एवं उनके साथ संवेदनशील व्यवहार करना चाहिए जिससे वे इस दुनिया से अलग-थलग न पड़ने पाएं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न:
गूंगे ने अपने स्वाभिमानी होने का परिचय किस प्रकार दिया?
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यदि बसंता पूँगा होता तो आपकी दृष्टि में चमेली का व्यवहार उसके प्रति कैसा होता?
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