बहुव्रीहि समास परिभाषा और उदाहरण
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यह अपने पदों से भिन्न किसी विशेष संज्ञा का विशेषण है। ... समानाधिकरण बहुव्रीहि : इसमें जिन पदों का समास होता है, वे साधारणतः कर्ताकारक होते हैं; किन्तु समस्तपद द्वारा जो अन्य उक्त होता है, वह कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध, अधिकरण आदि विभक्ति रूपों में भी उक्त हो सकता है।
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बहुव्रीहि समास ऐसा समास होता है जिसके समस्त्पदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं होता एवं दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की और संकेत करते हैं वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है।जैसे - गजानन : गज से आनन वाला (गणेश )
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