Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

भाव स्पष्ट कीजिए-
जगतु तपोबन सौ कियौ दीरघ-दाघ निदाघ।

bhaav spaṣṭ keejie-
jagatu tapoban sau kiyau deeragh-daagh nidaagh.

दोहे

Answers

Answered by dimpy7
15
इस दोहे में कवि ने भरी दोपहरी से बेहाल जंगली जानवरों की हालत का चित्रण किया है। भीषण गर्मी से बेहाल जानवर एक ही स्थान पर बैठे हैं। मोर और सांप एक साथ बैठे हैं। हिरण और बाघ एक साथ बैठे हैं। कवि को लगता है कि गर्मी के कारण जंगल किसी तपोवन की तरह हो गया है। जैसे तपोवन में विभिन्न इंसान आपसी द्वेषों को भुलाकर एक साथ बैठते हैं, उसी तरह गर्मी से बेहाल ये पशु भी आपसी द्वेषों को भुलाकर एक साथ बैठे हैं।

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Answered by aliaabisho4
7

Answer:

गर्मी के ऋतु की भयानक ताप ने पूरी धरती को तपोवन बना दिया है । इस ताप से प्रभावित हो कर परस्पर शत्रु-भाव रखने वाले जंगल के जानवार जैसे साँप और मोर तथा हिरण और सिंह साथ-साथ रहने लगे है ।

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