भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) जेब टटोली कौड़ी न पाई।
(ख) खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं, न खाकर बनेगा अहंकारी।
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भाव यह है कवित्री इस संसार में आकर सांसारिकता मैं उलझ कर रह गई और जब अंत समय आया और जेब टटोली तो कुछ भी हासिल ना हुआ । लेखिका ने प्रभु के पास पहुंचने के लिए कठिन साधना चुनी परंतु उससे इस राह से ईश्वर नहीं मिली। भाव यह है कि भूखे रहकर तू ईश्वर साधना नहीं कर सकता
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