Hindi, asked by divyanshi019, 4 months ago

भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) कोटिक ए कलधौत के धाम करील के कुंजन ऊपर वारौं।
(ख) माइ री वा मुख की मुसकानि सम्हारी न जैहै, न जैहै, न जैहै।

Answers

Answered by pratyush15899
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उत्तर-

★ (क) रसखान ब्रजभूमि से इतना प्रेम करते हैं कि वे वहाँ के काँटेदार करील के कुंजों के लिए करोड़ों महलों के सुखों को भी न्योछावर करने को तैयार हैं। आशय यह है कि वे महलों की सुख-सुविधा त्यागकर भी उस ब्रजभूमि पर रहना पसंद करते हैं।

★ (ख) एक गोपी कृष्ण की मधुर-मोहिनी मुसकान पर इतनी मुग्ध है कि उससे कृष्ण की मोहकता झेली नहीं जाती। वह पूरी तरह उस पर समर्पित हो गई है।

(人◕‿◕)

Answered by ppppandey503
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Answer:

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