भाव स्पष्ट कीजिए -
(क) मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।
आलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया।
(ख) जिसके अरुण कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।
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Answer:
djdjxjuskizjjshzbjsgdud
Explanation:
jxxooshzujzisyehksgxisgxydgdydidkxuuxusuuxjxjxu
भाव स्पष्ट इस प्रकार है :
(क) मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।
आलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया।
यहाँ कवि कहना चाह रहा है कि जिस प्रेम एवं जिन सुखद अनुभवों के वह सपने देख रहा था| अपनी जिंदगी में वह उसका कभी अनुभव ही नहीं कर पाया| वह सुख उसे मात्र सपने में प्राप्त हुआ और दृश्य दिखाकर गायब हो गया| असल जिंदगी में उसे सिर्फ दुखद अनुभव ही मिले| जिस प्रेम और सुखद अनुभवों की उसने कल्पना की थी वह उसे कभी प्राप्त ही नहीं हुआ|
(ख) जिसके अरुण कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।
कवि अपनी प्रेयसी की स्मृतियों में मग्न हो जाता है और उसकी सुन्दरता, खूबसूरती का वर्णन करते हुए कहता है, कि उसके गालों की लालिमा के सामने उषा की लालिमा भी फीकी है|