कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कविता में किस रूप में अभिव्यक्त किया है ?
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कवि जयशंकर प्रसाद ने जो सपना देखा था, उसने वह स्वप्न अपनी प्रियतमा के विषय में वर्णन करके के आत्मकथ्य कविता के माध्यम से व्यक्त किया है। कवि ने एक स्वप्न देखा था कि वह अपनी प्रियतमा के साथ सुखद पल बिता रहा है। उसकी वह प्रियतमा, जो सुंदरता की जीवित मूर्ति थी, वह उसके स्वप्न में नित्य आती थी। कवि उसके साथ प्रेमालाप करने के स्वप्न देखता था। उसका यह स्वप्न उसे अलौकिक आनंद प्रदान करते थे। कवि के दुर्भाग्यवश उसका यह स्वप्न केवल स्वप्न ही रह गया और अब केवल उस उस मधुर स्वप्न की स्मृतियां ही उसके मन में शेष रह गई हैं। अपने प्रेम संबंधी स्वप्न की स्मृतियों को कवि ने कविता के माध्यम से प्रेम भावों में व्यक्त किया है।
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Answer:
कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था वह अपने प्रेमिका के रूप में व्यक्त किया है । यह प्रेमिका स्वप्न में कवि के आस– पास आते –आते मुस्कराकर दूर चली जाती है और कवि को सुख से वंचित ही रहना पड़ता है ।कवि कहता है कि अपने जीवन में वह जो सुख का सपना देखा था ,वह उसे कभी प्राप्त नहीं हुआ ।