History, asked by kuhu8351, 1 day ago

भाव स्पष्ट कीजिए मैं उसका प्रेमी बनूँ नाथ जो
हो मानव के हित समान​

Answers

Answered by surendramehta355
4

Answer:

व्याख्या – कवि ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहता है कि हे प्रभु! मैं उसका (UPBoardSolutions.com) प्रेमी बनूं, जो समान रूप में मनुष्यमात्र को कल्याण करने वाला हो; संसाररूपी जीवन में जो दीर्घकाल तक रहने वाला हो; श्रेष्ठ सौंदर्य से परिपूर्ण और हृदय में सत्य धारण करने वाला हो।

Similar questions