१) "भैया, गुनाह का फल मिलेगा या नहीं, यह तो भगवान जाने, पर ऐसी ही कमाई से कोठियों में रहते
हैं और एक हम हैं कि परिश्रम करने पर भी हाथ में कुछ नहीं आता।"
(क) उपर्युक्त कथन किसने, किससे, कब और क्यों कहा है ?
उत्तर-
(ख) वक्ता का संकेत किस 'गुनाह' की ओर है ? वह 'गुनाह' किसने किया था और कैसे ?
उत्तर-
(ग) 'ऐसी ही कमाई' द्वारा वक्ता समाज की किस बुराई पर क्या व्यंग्य कर रहा है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
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भैया, गुनाह का फल मिलेगा या नहीं, यह तो भगवान जाने, पर ऐसी ही कमाई से कोठियों में रहते
हैं और एक हम हैं कि परिश्रम करने पर भी हाथ में कुछ नहीं आता।"
(क) उपर्युक्त कथन किसने, किससे, कब और क्यों कहा है ?
उत्तर- upturtak kathan beyaa, bagwan se kaha
हैं और एक हम हैं कि परिश्रम करने पर भी हाथ में कुछ नहीं आता।"
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