१) "भैया, गुनाह का फल मिलेगा या नहीं, यह तो भगवान जाने, पर ऐसी ही कमाई से कोठियों में रहते
हैं और एक हम हैं कि परिश्रम करने पर भी हाथ में कुछ नहीं आता।"
(क) उपर्युक्त कथन किसने, किससे, कब और क्यों कहा है ?
उत्तर-
(ख) वक्ता का संकेत किस 'गुनाह' की ओर है ? वह 'गुनाह' किसने किया था और कैसे ?
उत्तर-
(ग) 'ऐसी ही कमाई' द्वारा वक्ता समाज की किस बुराई पर क्या व्यंग्य कर रहा है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
please answer me now. hindi chapter -1 class 9. BAAT ATHANI KI
Answers
Answered by
0
सिद्धसिद्ध दशा ही मन में भाई करो नमन स्वीकार हमारा भवसागर से करो किनारा कर्म भवन में मेरी नैया गुरुवर तुम बिन कौन थे भैया मुनीश्वर धारे इस कलयुग में आप सहारे दीक्षा देकर रहा दिखाते खुद चुनते चलना सिखाते उपाध्याय पद है तमना से गुण 25 ज्ञान प्रकाश 28 गुणों के दारू साधु पद की महिमा भारी श्री जैन धर्म अहिंसा प्यारा गूंज उठा है जब मैं नारागम आत्म बोध कराता फिर चेतन का शोध कराता जिन्हें आगम को अपनाया अहोभाग्य तुम सा पद पाया अनेकांत में धर्म सहारा दे दो शाम को नमन हमारा काशी विश्वनाथ में प्रकाशित जो जन्नत जैन मंदिर जावे पाप और पुण्य हुए मुक्ति पुर जावेद कोशिकाओं गुड़गांव और ध्यान लगाओ रहो सदा में प्रभु चरणों का स्पर्शरघुवर को मुझे शिव पथ सुजुका संता बेहरो नित्य पूजा राजा उद्याने लगाऊं विद्यासागर पुणे करो सबको नमोस्तु जय जिनेंद्र।
Similar questions