Hindi, asked by narendrapanwar11050, 1 year ago

भगत को डॉक्टर चड्ढा की ओर से धन्यवाद देते हुए पत्र लिखिए।
अथवा
'क्षमा वीरस्य भूषणम्' इस विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए।​

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Answered by aashishrathore150120
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Answer:

There Is A Littel Story Of 2 Friends. On your Topic

क्षमा वीरस्य भूषणम्

अशोक और मनोज दोनों बुरी तरह से लड़ रहे थे |अशोक बोल रहा था तेरे बाप का मकान है क्या |तुझे एक माह में खाली करने का बोला था| आज 1 माह हो गया मैं तेरा सामान फेंक दूंगा| मनोज बोला जा तेरे से करना हो जो कर ले खाली नहीं करूंगा| मेरे सामान के हाथ लगा कर तो देख हाथ नहीं तोड़ दिए तो मेरा नाम भी मनोज नहीं |

दोनों बचपन के मित्र ऐसा क्या हो गया|

सॉवतसरिक प्रतिक्रमण चल रहा था अशोक ध्यानस्थ बैठा है |आज 12 माह में हुई गलतियों की क्षमा मांगनीे है |चलचित्र की भांति गलतियों पर चिंतन कर रहा है|

अशोक किशनगढ़ में मार्बल का व्यवसाय करता है|बैंक के मैनेजर पद पर मनोज है मनोज का तबादला किशनगढ़ हो जाता है| दोनों मित्र फोन पर बात करते हैं अरे अशोक मेरा तबादला किशनगढ़ हो गया मकान किराए पर चाहिए| अशोक बड़ा खुश होता है बचपन का मित्र है मेरा एक पोरशन खाली है| तुम देख लो मनोज को मकान पसंद आ जाता है| किराए पर रहने लग जाता है| दोनों मित्र अपने-अपने काम से निपटकर साथ में ताश खेलना पिकनिक पर जाना चल रहा था |

अशोक ने अपने व्यापार के लिए बैंक से लिमिट ले रखी थी |उसी बैंक में मनोज मैनेजर के पद पर आया था |अशोक ने लिमिट बढ़ाने की एप्लीकेशन दी| जो वाजिब नहीं थी| टर्नओवर के हिसाब से लिमिट जितनी मिलनी चाहिए वह यूज कर रहा था परंतु उसने सोचा कि मनोज मेरा मित्र है मैं लिमिट बढ़ा लेता हूं |लेकिन मनोज ने समझाया भाई मित्रता अपनी जगह है| मे बैंक का कार्य वफादारी से करता हूं |उचित अनुचित देखकर काम करता हूं |अशोक ने इसे अपनी तौहीन समझा| दुश्मनी पाल ली| दोनों नहीं बोल रहे हैं|

ध्यान मे बैठा अशोक धर्म स्थान में ध्यान कर रहा है |नियम ले लेता है कि जब तक मनोज से प्रत्यक्ष क्षमा याचना नहीं करूंगा मुंह में पानी नहीं डालूंगा |अशोक की पत्नी पारने की तैयारी कर रखी |अशोक घर आता है| मनोज ताला लगाकर अपने माता-पिता से मिलने चला जाता है |शाम तक घर आने की बोल कर गया |अशोक अपनी पत्नी के कहने पर भी पानी नहीं पीता है |मनोज को फोन लगाता है मनोज फोन नहीं उठाता है क्योंकि वह नाराज है|लगभग 10:00 बज जाते हैं |फिर अशोक की पत्नी मनोज की पत्नी को फोन लगाती है जैसे ही मनोज को पता लगा फोरन वापिस रवाना हो जाता है |लगभग 2 घंटे सफर करके घर आता है|

दोनों मित्र ऐसे मिलते हैं जैसे कृष्ण व सुदामा मिले हो

दोनों की आंखें झर झर बरस रही है मनोज अपने हाथों से अशोक को पानी पिलाता है धन्य है हमारा क्षमा याचना पर्व |कहता है गलती मेरी थी मैं ही तुम पर गलत दबाव डाल रहा था |यह मकान तो चुना सीमेंट का है मुझे मेरे मकान पर गर्व हो गया था |जो मुझे नहीं करना चाहिए था एक दिन श्वास निकलते ही चले जाएंगे घर यहीं रह जाएगा तुम चाहे जितना रहो मनोज बोलता है| अरे पगले रुलाएगा क्या मुझे भी हाथ तोड़ने का नहीं बोलना चाहिए इससे महान कर्मों का बंधन होता है |

माफी मांगने वाला महान होता है| और क्षमा देने वाला उससे भी महान होता है |ऐसी है हम जैनियों की क्षमा याचना| कोई माने ना माने वह अलग बात है

माफी के आदान प्रदान का यह शुभ मौका है दो दिलों पर लहराने आने वाली यह नौका है.

Answered by falailsingh001
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Answer:

भगत को डॉक्टर चड्ढा की ओर से धन्यवाद देते हुए पत्र लिखिए।

अथवा

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