Hindi, asked by kanishka030509, 2 months ago

. भगत सिंह ने अपने पहले पत्र में बापूजी किसे कहा है​

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Answered by prahaledsarkar9153
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Answered by nishantsinghrajput99
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Answer:

सत्याग्रह के अनुभव के साथ गांधी साल 1915 में भारत आए और देखते ही देखते वह भारत के राजनीतिक पटल पर छा गए.

वहीं, जवान हो रहे भगत सिंह ने हिंसक क्रांति का रास्ता अपनाया. लेकिन इन दोनों के बीच कई चीजें समान थीं जिनमें देश के सामान्य गरीबों के हितों को अहमियत देना शामिल था.

Explanation:

लेकिन अंग्रेज़ पुलिस अधिकारियों की लाठियों से घायल हुए लाला जी की हालत देखकर भगत सिंह को बहुत गुस्सा आया.

भगत सिंह ने इसका बदला लेने के लिए अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस सुपिरिटेंडेंट स्कॉट की हत्या करने की योजना बनाई.

लेकिन एक साथी की ग़लती की वजह से स्कॉट की जगह 21 साल के पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या हो गई.

इस मामले में भगत सिंह पुलिस की गिरफ़्त में नहीं आ सके. लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने असेंबली सभा में बम फेंका.

उस समय सरदार पटेल के बड़े भाई विट्ठल भाई पटेल पहले भारतीय अध्यक्ष के तौर पर सभा की कार्यवाही का संचालन कर रहे थे.

भगत सिंह जनहानि नहीं करना चाहते थे, लेकिन वह बहरी अंग्रेज सरकार के कानों तक देश की सच्चाई की गूंज पहुंचाना चाहते थे.

बम फेंकने के बाद भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त भाग सकते थे, लेकिन उन्होंने अपनी गिरफ़्तारी दे दी.

गिरफ़्तारी के वक़्त भगत सिंह के पास उस वक्त उनकी रिवॉल्वर भी थी.

कुछ समय बाद ये सिद्ध हुआ कि पुलिस अफ़सर सांडर्स की हत्या में यही रिवॉल्वर इस्तेमाल हुई थी.

इसलिए, असेंबली सभा में बम फेंकने के मामले में पकड़े गए भगत सिंह को सांडर्स की हत्या के गंभीर मामले में अभियुक्त बनाकर फांसी दी गई.

गांधी और सज़ा माफ़ी

साल 1930 में दांडी कूच के बाद कांग्रेस और अंग्रेज सरकार के बीच संघर्ष जोरों पर था.

इस बीच भारत की राज्य व्यवस्था में सुधार पर चर्चा के लिए ब्रितानी सरकार ने अलग-अलग नेताओं को गोलमेज़ सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लंदन बुलाया.

इस पहले गोलमेज़ सम्मेलन में गांधी जी और कांग्रेस ने हिस्सा नहीं लिया और ये सम्मेलन बेनतीज़ा रहा. IF you like my answer please mark my answer Brainliest.

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