भगवन् हे निरन्तर दृढ़ संगठन हमारा।
छुटे स्वदेश ही की सेवा में तन हमारा।।
बल, बुद्धि और विद्या, धन के अनेक साधन।
कर प्राप्त हम करेंगे निज देश को समर्पण ।।
वह शक्ति दो कि भगवन्, निभ जाय प्रण हमारा ।। छूटे. ।। 1
न.
Answers
Answered by
0
Answer:
we have translate in hindi
pls tell
Similar questions