Hindi, asked by kkdeepak603, 2 months ago

भक्ति काल का काव्य ग्रंथ कौन है​

Answers

Answered by sunprince0000
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Answer:1. संत काव्य

क्रम कवि(रचनाकर) काव्य (रचनाएँ)

1. कबीरदास (निर्गुण पंथ के प्रवर्तक) बीजक (1. रमैनी 2. सबद 3. साखी; संकलन धर्मदास)

2. रैदास बानी

3. नानक देव ग्रंथ साहिब में संकलित (संकलन- गुरु अर्जुन देव)

4. सुंदर दास सुंदर विलाप

Explanation:

Answered by franktheruler
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भक्ति काल के काव्य ग्रंथ है कविता वली, दोहा वली, रामचरित संग्रह , रावली, सूरसागर इत्यादि

  • भक्तिकाल को हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग माना जाता है।
  • जॉर्ज ग्रियर्सन के अनुसार भक्तिकाल ईसायत की देन है जबकि ताराचंद का कहना है कि भक्तिकाल का आरंभ अरबों से हुआ।
  • भक्ति काल के कवियों को दो भागों में विभाजित किया गया है।
  1. निर्गुण काव्य धारा - निर्गुण काव्य धारा की भी दो धाराएं थी संत काव्य धारा व सूफी काव्य धारा।
  2. सगुण काव्य धारा - सगुण काव्य धारा के कवि ईश्वर के साकार रूप की आराधना किया करते थे। इसकी भी दो धाराएं थी
  • राम भक्ति काव्य धारा - राम भक्ति काव्य धारा के कवि थे तुलसीदास , नामदास, अग्रदास।

तुलसीदास जी ने 13 ग्रंथ लिखे जिनमे से मुख्य

हैं गीतावली, कृष्ण गीतावली, विनय पत्रिका,

कवितावली, दोहावली इत्यादि।

नामदास - रामचरित संग्रह व भक्त माल।

अग्रदास की रचनाए है राम ध्यान मंजरी व राम

अष्टयाम ।

  • कृष्ण भक्ति काव्य धारा - कृष्ण भक्ति काव्य धारा के कवि थे सूरदास, कुम्भनदास व नंद दास।

सूरदास - इनकी रचनाएं है और सरावली ,

सूरसागर, व साहित्य लहरी

नंददास - इनकी मुख्य रचनाएं है सिद्धांत

पंचाध्यायी व रास पंचाध्यायी।

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