भक्तिकाल का विभाजन कितने भागों में हुआ है। उनके नाम लिखिए
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संक्षेप में भक्ति-युग की चार प्रमुख काव्य-धाराएं मिलती हैं : ज्ञानाश्रयी शाखा, [प्रेमाश्रयी शाखा]], कृष्णाश्रयी शाखा और रामाश्रयी शाखा, प्रथम दोनों धाराएं निर्गुण मत के अंतर्गत आती हैं, शेष दोनों सगुण मत के अंतर्गत आती हैं।
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भक्तिकाल में काव्य की दो प्रधान धाराएँ प्रचलित हुई - निर्गुण काव्यधारा और सगुण काव्यधारा, निर्गुण काव्यधारा की भी दो शाखाएं बनी - ज्ञानाश्रयी शाखा और प्रेमाश्रयी शाखा।
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उम्मीद हैं कि आप इस उत्तर से संतुस्ट होंगे।
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