Hindi, asked by dayatarr8, 2 months ago

भक्तिकाव्या की सामान्य वीसेस्ताऐ​

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Answered by rr9573429
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Answer:

राज्याश्रय का त्याग

स्वांत:सुखाय-परजन-हिताय रचना।

भक्ति का प्राधान्य।

समन्वय की भावना।

भारतीय संस्कृति की रक्षा।

श्रिंगार तथा शांत रस की प्रधानता।

मुक्तक तथा प्रबंध काव्य।

गुरु की महत्ता।

Answered by Anonymous
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Answer:

भक्ति काल अपना एक अहम और महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आदिकाल के बाद आये इस युग को पूर्व मध्यकाल भी कहा जाता है। जिसकी समयावधि संवत् 1343ई से संवत् 1643ई तक की मानी जाती है। यह हिंदी साहित्य(साहित्यिक दो प्रकार के हैं- धार्मिक साहित्य और लौकिक साहित्य) का श्रेष्ठ युग है। जिसको जॉर्ज ग्रियर्सन ने स्वर्णकाल, श्यामसुन्दर दास ने स्वर्णयुग, आचार्य राम चंद्र शुक्ल ने भक्ति काल एवं हजारी प्रसाद द्विवेदी ने लोक जागरण कहा। सम्पूर्ण साहित्य के श्रेष्ठ कवि और उत्तम रचनाएं इसी में प्राप्त होती हैं।

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