bhale bure sb ek se jyo lo bolat nahi doha explain
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भले बुरे सब एक सें जौ लौं बोलत नाहिँ।
जान परतु हैं काक पिक ऋतु बसंत के माहिँ॥
इस संसार में भला कौन है और बुरा कौन है? बाहर से सब एक से ही दिखाई पड़ते हैं लेकिन जब वे बोलते हैं तब इनके भले−बुरे का पता चलता है। जिस प्रकार बसंत ऋतु में कौआ और कोयल बोलते हैं तब ही उनका अंतर पता चलता है, वैसे वे दोनों ही रंग के आधार पर एक-से ही प्रतीत होते हैं।
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