bharat me videshiyo
Sanskrit ne atyachar kiya in sanskrit
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मुग़ल शासनकाल में जितने भी राजा महाराजा हुए उन सबमे अकबर सबसे अलग प्रभावशाली और शक्तिशाली राजा थे। अकबर एक बहुत ही बहादुर और शांतिप्रिय राजा था। उसकी सबसे खास बात यह है की उसने बचपन से राज्य चलाने का काम किया था। अकबर तीसरे मुगल सम्राट थे, जो कि महज 13 साल की छोटी सी उम्र में मुगल राजवंश के सिंहासन पर बैठ गए थे और उन्होंने अपने मुगल सम्राज्य का न सिर्फ काफी विस्तार किया, बल्कि हिन्दू-मुस्लिम एकता पर बल देने के लिए कई नीतियां भी बनाईं। अपने शासनकाल में शांतिपूर्ण माहौल स्थापित किया एवं कराधान प्रणाली को फिर से संगठित किया। उन्हें अकबर-ए-आज़म शहंशाह अकबर के नाम से भी जाना जाता था।
अकबर खुद अनपढ़ होने के बाद भी शिक्षा सबसे ज्यादा महत्व देते थे। लेकिन वे एक बुद्धिमान और ज्ञानी शासक थे, जिन्हें लगभग सभी विषयों में आसाधरण ज्ञान प्राप्त था। इसीलिए उसके शासन काल में कला, साहित्य, शिल्पकला का काफी विकास हुआ था। उसने अपने राज्य में सभी के लिए विशेषरूप से महिलाओ के लिए शिक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया था।
उनके द्धारा किए गए नेक कामों की वजह से उन्हें अकबर महान कहकर भी बुलाया जाता था। वे सभी धर्मों को आदर-सम्मान देने वाले महान योद्धा थे, कई अलग-अलग धर्मों के तत्वों को इकट्ठा कर अकबर ने नया संप्रदाय दीन-ए-इलाही की स्थापना की थी।
उनकी पहचान सभी मुगल शासकों में एकदम अलग थी, तो आइए जानते है, मुगल वंश के शासक सम्राट अकबर की जीवनी के बारे में-