भरतपुर प्रजामण्डल के अध्यक्ष थे –
(अ) गोपीलाल यादव
(ब) मास्टर आदित्येन्द्र
(स) किशनलाल जोशी
(द) ठाकुर देशराज।
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Answer:
अ
Explanation:
?भरतपुर में स्वतंत्रता आंदोलन का श्रीगणेश जगन्नाथदास अधिकारी व गंगा प्रसाद शास्त्रीने किया था
? इन्होने 1912 में हिंदी साहित्य समिति की स्थापनाकरी थी
?1921 के महात्मा गांधीके असहयोग आंदोलनसे ही रियासती जनता के हृदय में आजादी की भावना जागृत हुई
?भरतपुर के कई युवकोंने अंग्रेजी भारत में जाकर असहयोग आंदोलन में सक्रिय भाग लिया
?जिनमें श्री निरंजन शर्मा और श्रीशंकर लाल प्रमुख थे
?इन युवकों ने भरतपुर में भी चेतना जागृत कर दी थी
?यह चेतना कही सेवा समिति, कहीं सी हिंदी साहित्य समितिऔर कहीं आर्य समाज जैसी प्रगतिशील संस्थाओंमें योग देकर बढ़ती रही
?1923-24 में सेवा समिति का निर्माण हुआ
?जिसके आरंभकर्ता पंडित सांवलसिंह जी व गया प्रसादजी थे
?भरतपुर के किसान भी भारी करो से दबे होने के कारण राजा के विरोधी हो रहे थे
?1924 में वहां के किसानों ने अपने नरेश के किशनसिंह से करो में कमी करने का अनुरोधकिया
?इसके विपरीत किशन सिंह ने किसानों के विरुद्ध दमन कि नीतिअपनाई
?जिसके फलस्वरूप भरतपुर का किसान आंदोलन उग्र हो गया
?1 अप्रैल से 15 अप्रैल 1927 के मध्य भरतपुर में वहां के नरेश किशन सिंह के विरुद्ध अनेक सभाओं का आयोजन किया
? इन सब के मध्य भाग्य वर्ष भरतपुर में हिंदी साहित्यका सम्मेलन हुआ
?जिस कारण भरतपुर नरेश किशन सिंह ने उत्तरदायी शासनकी मांग को स्वीकार किया व जन जागृति में अपना महत्वपूर्ण योगदानदिया
?इस कारण भरतपुर के महाराजा किशन सिंह. सबसे अधिक प्रगतिशील शासक माना जाता था
?भरतपुर में जनजागृती मे महाराज किशन सिह के उदार शासन का महत्वपूर्ण योगदान रहा
?इन्होंने हिंदी को प्रोत्साहित किया और उत्तरदायी शासन की मांग को स्वीकारकिया
?भरतपुर के महाराजा किशन सिंह ने यह घोषणा 15 सितंबर 1927 को कि थी
?भरतपुर में 1927 में गौरीशंकर हीराचंद ओझा की अध्यक्षता में हिंदी साहित्य का 17 वां अधिवेशन आयोजित किया गया था
?इस सम्मेलन में विश्व कवि रविंद्र नाथ टैगोर महामना मदन मोहन मालवीय व सेठ जमनालाल बजाज भी सम्मिलित हुए थे
?भरतपुर नरेश किशन सिंह जी ने इन सभी को अपना मेहमान बनाया था
?किशन सिह के इस कार्य से एक तरफ ब्रिटिश सरकार नाराज हो गई थी
?वही दूसरी तरफ भरतपुर के किसान नेता और राष्ट्रीय जागरण में रुचि रखने वाले व्यक्तियों को देश के नेताओं से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ
?भरतपुर नरेश किशनसिंह ने जनता को शासन में भागीदार बनानास्वीकार कर लिया
?सरकार ने महाराजा की गतिविधियों को गंभीरता से लेते हुए उन्हें गद्दी छोड़ने पर विवश कर दिया
?उनके स्थान पर अल्प व्यस्क ब्रजेंद्र सिह को गद्दीपर बैठाया व प्रशासन के लिए एक अंग्रेज अधिकारी (मेकेंजी1928)की नियुक्ति की गई
?जिसमें जगन्नाथदास अधिकारी को निर्वासितकर दिया और सार्वजनिक सभा व प्रकाशनों पर प्रतिबंधलगा दिया
?दीवान मेकेंजी ने जुलूसों प्रदर्शन और भाषणों पर प्रतिबंध लगा कर
?प्रशासन के सचिव ठाकुर देशराज, अध्यक्ष गोपी लाल यादव और अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तारकर लिया
?1928 में भरतपुर राज्य प्रजा संघ की स्थापना हुई
?मेकेंजी कि दमनकारी नीति पुलिस अत्याचार एवं मौलिक अधिकारों पर लगाए गए प्रतिबंध के विरोध में 1928 में भरतपुर राज्य प्रजा संघकी स्थापना की गई