Hindi, asked by Simran2003, 1 year ago

Bharatiya cinema ki aytihasik tarikh kya thi aur is din kya badlav aaya tha ??


Simran2003: aalam aara film kab bani thi ??
Simran2003: is film se bhartiya film industry mein blone wali film aa gayi
Simran2003: ok
Simran2003: Full date is 14th march 1931
Simran2003: I found that it is in my textbook

Answers

Answered by smartyprince
1
लेकिन इतिहास वास्तव में बनाया गया था जब हरिश्चंद्र सखाराम भाटवडेकर लोकप्रिय रूप से सहेजा दादा के रूप में जाना जाता है, जो अब भी फोटोग्राफर है, लुमोियर ब्रदर्स के उत्पादन से बहुत ज्यादा प्रभावित हुए, उन्होंने इंग्लैंड से एक कैमरा का आदेश दिया। उनकी पहली फिल्म मुंबई में हैंगिंग गार्डन में गोली मार दी थी, जिसे 'द पहलवानों' के रूप में जाना जाता था। यह एक कुश्ती मैच की एक सरल रिकॉर्डिंग थी जिसे 18 99 में प्रदर्शित किया गया था और भारतीय फिल्म उद्योग में पहला चलचित्रण माना जाता है।

thoda dekh lena idhar udhar ho gya hai
pr Hindi trying me
Answered by Abhinavj255
1
7 जुलाई 1886 भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। इसी दिन तत्कालीन बंबई के वाटकिंस हॉटल में ल्युमेरे ब्रदर्स ने छः लघु चलचित्रों का प्रदर्शन किया था। इन छोटी-छोटी फिल्मों ने ध्वनिरहित होने बावजूद भी दर्शकों का मनोरंजन किया था। इन लघु चलचित्रों से प्रभावित होकर श्री एच.एस. भटवडेकर और श्री हीरालाल सेन नामक व्यक्तियों ने ल्युमेरे ब्रदर्स की तरह क्रमशः मुंबई(पूर्व नाम बंबई) और कोलकाता (पूर्व नाम कलकत्ता) में लघु चलचित्रों का निर्माण प्रारंभ कर दिया। सन् 1899 में श्री भटवडेकर ने भारत के प्रथम लघु चलचित्र बनाने में सफलता प्राप्त की।

दादा साहेब फालके ने अपने लंदन प्रवास के दौरान ईसा मसीह के जीवन पर आधारित एक चलचित्र देखा। वह फिल्म ल्युमेरे ब्रदर्स की फिल्मों की तरह लघु चलचित्र न होकर लंबी फिल्म थी। उस फिल्म को देख कर दादा साहेब फालके के मन में पौराणिक कथाओं पर आधारित चलचित्रों के निर्माण करने की प्रबल इच्छा जागृत हुई। स्वदेश आकर उन्होंने राजा हरिश्चंद्र बनाई जो कि भारत की पहली लंबी फिल्म थी और सन् 1913 में प्रदर्शित हुई। उस चलचित्र ने (ध्वनिरहित होने के बावजूद भी) लोगों का भरपूर मनोरंजन किया और दर्शकों ने उसकी खूब तारीफ की।

फिर तो चलचित्र निर्माण ने भारत के एक उद्योग का रूप धारण कर लिया और तीव्रता पूर्वक उसका विकास होने लगा। उन दिनों हिमांशु राय जर्मनी के यू.एफ.ए. स्टुडिओ में निर्माता के रूप में कार्यरत थे। वे अपनी पत्नी देविका रानी के साथ स्वदेश वापस आ गये और अपने देश में चलचित्रों का निर्माण करने लगे। उनकी पत्नी देविका रानी स्वयं उनकी फिल्मों में नायिका (हीरोइन) का कार्य करती थी। पति-पत्नी दोनों को खूब सफलता मिली और दोनों ने मिलकर बांबे टाकीज स्टुडिओ की स्थापना की।

Similar questions