Hindi, asked by mrajeevdhiman, 10 months ago

bhartiya krashak ke upar niband​

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Answered by 18shreya2004mehta
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Answer:

Indian government is very helpful to every indian citizen indian government always make the laws which are helpful to the public

Indian government has many laws which are amended and many new laws have been introduced but the main thing is that they have never break the trust of public always they have helped the public by thinking about them and public is always having cooperative behavior with government

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Answered by ash00729
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Explanation:

”जब तुम, मुझे पैरों से रौदंते हो

तथा हल के फाल से विदीर्ण करते हो

धन-धान्य बनकर मातृ-रूपा हो जाती हूँ ।”

भारत एक कृषि प्रधान देश है । यहाँ के अधिकांश लोग आज भी अपनी जीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं । दूसरे शब्दों में हमारी अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार कृषि ही है । इन परिस्थितियों में कृषक की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाती है ।

परंतु देश के लिए यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पाँच दशकों के बाद भी भारतीय कृषकों की दशा में बहुत अधिक परिवर्तन देखने को नहीं मिला है । स्वतंत्रता से पूर्व भारतीय कृषक की स्थिति अत्यंत दयनीय थी । तब देश अंग्रेजों के आधिपत्य में था जिनका मूल उद्‌देश्य व्यापारिक था ।

उन्होंने कृषकों की दशा में सुधार हेतु प्रयास नहीं किए । कृषकों की दशा में सुधार हेतु कई बार कानून पारित किए गए । परंतु वास्तविक रूप में उनका कभी भी पूर्णतया पालन नहीं किया गया । किसानों को अपने उत्पाद का एक बड़ा भाग कर के रूप में सरकार को देना पड़ता था। सूखा तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय हो जाती थी ।

कर अदा करने के लिए वे सेठ-साहूकारों से कर्ज लेते थे परंतु उसे वापस न करने की स्थिति में जीवन पर्यंत उसका बोझ ढोते रहते थे । अनेकों कृषकों को अत्यंत कम वेतन पर मजदूरी के लिए विवश होना पड़ता था ।

स्वतंत्रता के पश्चात् कृषकों की दशा में सुधार के लिए अनेक योजनाएँ कार्यान्वित की गईं । समय-समय पर विभिन्न सरकारों द्‌वारा कृषकों को अनेक सुविधाएँ प्रदान की गईं परंतु अनेक कारणों से इन सुविधाओं का लाभ पूर्ण रूप से उन तक नहीं मिल पाया। देश के विभिन्न क्षेत्रों के किसानों में भारी असंतोष है क्योंकि उन्हें सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में न तो बिजली मिल पाती है और न ही उन्नत किस्म के बीज आदि भी समय पर उपलब्ध होते हैं ।

भारतीय कृषक की सामान्य दशा का यदि अवलोकन करें तो हम पाते हैं कि हमारे अधिकांश कृषक निरक्षर हैं । यह कृषकों के पिछड़ेपन का एक प्रमुख कारण है । निर्धनता एवं अशिक्षा के कारण वे सरकार की कृषि संबंधी विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं ।

शिक्षा के अभाव में वे उन्नत बीज, कृषि के आधुनिक उपकरणों तथा उच्च वैज्ञानिक तरीकों से वंचित रह जाते हैं । भारतीय पारंपरिक रीति-रिवाज एवं बाह्‌य आडंबर आदि भी उसकी प्रगति के मार्ग की रुकावट बनते है ।

विगत कुछ वर्षों में विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में भारत ने विशेष प्रगति की है । संचार माध्यमों के विशेष प्रचार एवं प्रसार का सकारात्मक प्रभाव हमारी कृषि पर भी पड़ा है । दूरदर्शन तथा रेडियो आदि के माध्यम से हमारी सरकार एवं अन्य संस्थाएँ कृषकों को कृषि संबंधी जानकारी दे रही हैं तथा उन्हें उन्नत बीजों व विभिन्न वैज्ञानिकों तरीकों से अवगत करा रही हैं ।

इसके अतिरिक्त बैंकों आदि के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध कराया जा रहा है जिससे वे आधुनिक उपकरण तथा सिंचाई आदि का प्रबंध कर सकें ।

सरकार के इन अथक प्रयासों के सकारात्मक परिणाम आने प्रारंभ हो गए हैं । कुछ राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा आदि ने विशेष प्रगति की है । देश के अन्य राज्यों में भी सुधार दिखाई देने लगा है । निस्संदेह हम उज्जल भविष्य की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

हमारे कृषकों की दशा में निरंतर सुधार से देश की अर्थव्यवस्था पर विशेस प्रभाव पड़ेगा । तब अवश्य ही एक स्वावलंबी, आत्मनिर्भर एवं अग्रणी भारत की हमारी परिकल्पना सरकार हो सकेगी ।

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